‘Emergency की बरसी’ पर बोले PM Narendra Modi- ‘Democracy के लिए लड़ने वालों को मेरा नमन’
आपको बता दें कि एक दिन पहले यानी बुधवार को कांग्रेस पार्टी ने तारिक अनवर को विधान परिषद भेजने का फैसला किया था। लेकिन गुरुवार को पार्टी ने तारिक अनवर का टिकट काटकर उनकी जगह समीर सिंह को एमएलसी का उम्मीदवार बना दिया। समीर कुमार सिंह कांग्रेस के पुराने और वरिष्ठ नेता माने जाते हैं। वह छात्र जीवन से ही कांग्रेस संगठन से जुड़ गए थे। यही नहीं समीर सिंह के दादा बनारसी प्रसाद सिंह भी बिहार के मुंगेर से तीन बार लगातार सांसद रहे। वह पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के काफी नजदीकी माने जाते थे।
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इसके साथ ही समीर सिंह के पिता राजेंद्र प्रसाद सिंह ने भी बिहार सरकार में कैबिनेट मंत्री की जिम्मेदारी संभाली। पार्टी सूत्रों के अनुसार समीर सिंह का राष्ट्रीय छात्र संगठन, यूथ कांग्रेस और प्रदेश कांग्रेस कमेटी में अहम योगादान रहा है। यही वजह है कि कांग्रेस ने 2008 और 2018 में समीर सिंह को बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी।
पिछले दिनों विधानसभा कोटे से 9 सदस्यों का कार्यकाल समाप्त हुआ था। इनमें 6 जदयू के और 3 भाजपा के थे। भाजपा के संजय मयूख, कृष्ण कुमार सिंह और राधामोहन शर्मा का कार्यकाल पूरा हुआ था। संख्याबल के अनुसार, भाजपा केवल दो को ही फिर से विधान परिषद भेज सकती थी। संजय मयूख को पार्टी ने फिसे उम्मीदवार बनाया है, जबकि दूसरी सीट पर कुशवाहा जाति के सम्राट चौधरी को विधान परिषद में भेजने का निर्णय लिया गया। चौधरी जदयू से भाजपा में आए हैं।