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Bihar Assembly Election 2020: महागठबंधन के खिलाफ एनडीए ‘सोशल इंजीनियरिंग’ पर लगाएगी दांव

Grand Alliance से लेकर छोटी पार्टियां तक में मुद्दों और जातीय समीकरणों को लेकर माथापच्ची जारी है।
Bihar NDA ने सभी वर्गों और जातियों को समुचित प्रतिनिधित्व देने के संकेत दिए।
Nitish Kumar की पार्टी JDU भी बिजली सड़क और पानी के साथ सभी को साथ लेकर चलने पर जोर दे रही है।

Aug 19, 2020 / 05:08 pm

Dhirendra

social engineering

Bihar NDA ने सभी वर्गों और जातियों को समुचित प्रतिनिधित्व देने के संकेत दिए।

नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी, ( Coronavirus Pandemic ) बाढ़ ( Floods ) और सुशांत सिह राजपूत केस ( Sushant Singh Rajput Case ) के बीच बिहार विधानसभा चुनाव 2020 ( Bihar Assembly Elections 2020 ) को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई हैं। महागठबंधन ( Grand Alliance ) से लेकर छोटी पार्टियां तक में मुद्दों की तलाश पर माथापच्ची जारी है। तो एनडीए ( Bihar NDA ) से मिले संकेतों से साफ है वो इस बार चुनाव में बसपा का पुराना फार्मूला ‘सोशल इंजीनियरिंग’ ( Social Engineering ) पर जोर देगी।
जानकारी के मुताबिक इस बार बिहार एनडीए ( Bihar NDA ) ने तय किया है ‘बसपा’ के मुद्दे को लेकर जनता के बीच में जाएगी। बसपा यानी बिजली-सड़क-पानी को लेकर एनडीए के घटक दल काम करना शुरू भी कर चुके हैं। इस मसले को जन-जन तक पहुंचाने की कवायद शुरू हो गई है। इसके साथ ही एनडीए ने सभी वर्गों और जातियों को समुचित प्रतिनिधित्व देने के संकेत दिए हैं।
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दूसरी तरफ महागठबंधन में शामिल दलों ने एनडीए के इस रुख को उसका राजनैतिक एजेंडा करार दिया है। विपक्षी दलों के नेताओं का कहना है कि इन मुद्दों के आधार हर स्तर पर भ्रष्टाचार ही भ्रष्टाचार है।
जब से नीतीश कुमार सरकार आई है तभी से बिजली सड़क और पानी को लेकर सरकार ने सबसे ज्यादा काम किया है। अब उसी मसले को लेकर एनडीए चुनाव में उतरेगी। जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद भी मानते हैं कि विकास के दौर में ये जो मूलभूत सुविधाएं हैं वह काफी अहम थीं। साथ ही सभी समुदायों व जातियों को साथ लेकर चलने से सबका विकास भी सुनिश्चित होगा।
जेडीयू प्रवक्ता का कहना है कि 2005 से पहले 58 सालों में इस पर बहुत काम नहीं किया गया था, लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आने के बाद बिजली सड़क और पानी पर फोकस किया गया है। यही वजह है कि इस बार के चुनाव में यह मुद्दे जरूर रहेंगे और इसका फायदा एनडीए को मिलेगा।
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बिहार में जेडीयू के इस फार्मूले को बीजेपी भी पूरी तरह से अपना रही है। डिप्टी सीएम सुशील मोदी से लेकर बीजेपी बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव तक बिजली-सड़क-पानी को अहम मान रहे हैं। बीजेपी नेता भी इस बात को स्वीकार कर रहे हैं और मानते हैं कि इस क्षेत्र में सबसे ज्यादा काम हुआ है।
फिलहाल, बिहार विधानसभा चुनाव में मुद्दों की बात जनता अपने हिसाब तय करेगी। जाहिर सी बात है राजनैतिक दल दावे अपने-अपने करते हैं। लेकिन जनता उस पर आखिरी मुहर लगाती है जो उसे पसंद है। इस बार भी वही चुनाव में जीत हासिल करेगा।

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