वही, अयोध्या फैसलें को लेकर कांग्रेस कार्यसमिति दस जनपथ में मीटिंग हुई। इस बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और राहुल गांधी को छोड़कर यूपीए चेयर पर्सन सोनिया गांधी समेत तमाम बड़े नेता मौजूद रहे।
70 साल पुराने मामले में अदालत के सामने फरियादी खुद भगवान हैं
बैठक में कांग्रेस ने अपने नेताओं को संदेश दिया है कि वो अनुच्छेद 370 की तरह राम मंदिर ( Ram Mandir Babri Masjid Verdict ) पर अलग-अलग राय ना दें। जिससे पार्टी की फजीहत हो। बता दें कि यह बैठक 10 नवंबर को होने वाली थी। लेकिन जैसे ही पार्टी को खबर मिली की फैसला 9 नवंबर को आएगा तो इसे देखते हुए आज ही फैसले से पहले यह मीटिंग बुलाई गई है।
चीफ जस्टिस ने सुनाया फैसला
सुप्रीम कोर्ट अयोध्या राम मंदर जमीन विवाद पर फैसला ( Ayodhya Faisla ) पढ़ रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय बेंच के जज चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई (CJI Ranjan Gogoi), जस्टिस एस ए बोबडे, जस्टिस धनन्जय वाई चन्द्रचूड़ , जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस अब्दुल नजीर यह ऐतिहासिक फैसला पढ़ रहे हैं। चीफ जस्टिस ने फैसला पढ़ते हुए कहा कि इस मामले में फैसला ( Ayodhya Case ) सुनाने में मैं 30 मिनट का समय लूंगा।
अब तक चीफ जस्टिस ने शिया वक्फ बोर्ड और निर्मोही अखाड़े का भी दावे की याचिका को खारिज कर दिया है। इसके अलावा ASI की रिपोर्ट के आधार पर कोर्ट ने कहा कि कि मस्जिद खाली जमीन पर नहीं बनाई गई थी। मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाने की भी पुख्ता जानकारी नहीं है।