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Ayodhya Ram Mandir : राम मंदिर आंदोलन के बड़े नाम जो Bhoomi Poojan के नहीं बन पाएंगे गवाह

80 और 90 के दशक में कई बड़े चेहरे राम मंदिर आंदोलन ( Ram Mandir Andolan ) की पहचान माने जाते थे। आज वो लोग भूमि पूजन में नजर नहीं आएंगे।
अयोध्या ( Ayodhya ) में भव्य राम मंदिर के शिलापूजन के लिए सज धजकर तैयार है।
मुरली मनोहर जोशी और लाल कृष्ण आडवाणी ( Murali Manohar Joshi and LK Advani ) भूमि पूजन में कोरोना वायरस ( Coronavirus ) की वजह से शामिल नहीं होंगे।

Aug 05, 2020 / 11:02 am

Dhirendra

ram mandir bhoomi poojan

अयोध्या ( Ayodhya ) में भव्य राम मंदिर के शिलापूजन के लिए सज धजकर तैयार है।

नई दिल्ली। अयोध्या ( Ayodhya ) में राम मंदिर निर्माण ( Ram temple construction ) को लेकर 80 के दशक में शुरू आंदोलन आज कुछ घंटों बाद मूर्त रूप में लेने वाला है। पीएम मोदी ( PM Modi ) भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन ( Bhoomi Poojan ) करेंगे। अयोध्या भी अगले कुछ वर्षों में काफी बदल जाएगी। बड़े पैमाने पर जारी कोशिश की वजह से अयोध्या बड़े तीर्थस्थलों व पर्यटक स्थल के रूप में विश्व मानचित्र पर उभरकर सामने आ जाएगा।
लेकिन 80 और 90 की दशक के शुरू में राम मंदिर आंदोलन ( Ram Mandir Andolan ) की पहचान माने जाने वाले चेहरे आज भूमि पूजन में शामिल नहीं हो पाएंगे। आइए हम आपको बताते हैं उन चेहरों के नाम।
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1. लाल कृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी

लाल कृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी (( Murali Manohar Joshi and LK Advani ) ) बीजेपी ( BJP ) को राष्ट्रीय राजनीतिक पार्टियों के रूप में स्थापित करने वाले टॉप तीन प्रमुख नामों में शामिल हैं। राम मंदिर आंदोलन के वक्त सोमनाथ से अयोध्या तक रथयात्रा निकालने वाले बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी और उस दौर में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे मुरली मनोहर जोशी 5 अगस्त को साक्षात अयोध्या में मौजूद होकर उन लम्हों के गवाह नहीं बन पाएंगे, जिन्हें देखने के लिए उन्होंने लंबा संघर्ष किया और उनका एक सपना भी था।
अब राम मंदिर के निर्माण की जिम्मेदारी राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ( Ram Janmabhoomi Tirth Kshetra Trust ) पर है। उसकी तरफ से स्पष्ट किया गया है कि आडवाणी और जोशी ने ट्रस्ट को सूचित किया है कि वे दोनों इस कार्यक्रम में उपस्थित नहीं हो पाएंगे। इसके लिए दोनों ने अपनी अधिक उम्र का हवाला दिया है। ट्रस्ट के मुताबिक देश दुनिया में कोरोना वायरस संक्रमण फैले होने की वजह से दोनों वरिष्ठ नेताओं ने ये फैसला किया।
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2. यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह

6 दिसंबर, 1992 को बाबरी मस्जिद ( Babri masjid ) विध्वंस के समय कल्याण सिंह ( Kalyan Singh ) यूपी के मुख्यमंत्री थे। कल्याण सिंह अब 88 साल के हैं। कल्याण सिंह पिछले दिनों किसी कोरोना पॉजिटिव शख्स के संपर्क में आए थे। इसलिए उन्होंने 2 दिन पहले से खुद को होम क्वारनटीन कर रखा है।
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3. फायर ब्रांड उमा भारती

राम मंदिर आंदोलन के शुरुआती दौर में जो युवा चेहरा सबसे चर्चित रहा वो उमा भारती ( Uma Bharti ) का था। 6 दिसंबर, 1992 को बाबरी विध्वंस के दौरान उमा भारती की एक तस्वीर बहुत चर्चित रही। इस तस्वीर में वो मुरली मनोहर जोशी के कंधे पर चढ़ी दिखाई दी थीं। मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती अब 61 वर्ष की हैं। उमा भारती मंगलवार शाम को अयोध्या पहुंच गईं। उमा भारती ने स्पष्ट किया है कि वे सरयू तट पर एकांतवास में रहेंगी।
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4. राम मंदिर आंदोलन के युवा नेता विनय कटियार

राम मंदिर आंदोलन की सशक्त आवाज माने जाने वाले बीजेपी नेता और बजरंग दल के संस्थापक अध्यक्ष विनय कटियार ( Vinay katiyar ) अयोध्या में मौजूद हैं। उन्होंने मंगलवार को राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को सूचित किया कि उनकी तबीयत ख़राब है। पिछले कई दिनों से उन्हें कमर में दर्द है, जिस वजह से वो चलने में दिक़्क़त महसूस कर रहे हैं। विनय कटियार अब 65 वर्ष के हैं।
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5. इकबाल अंसारी

अयोध्या की पहचान गंगा जमुनी तहजीब की भी है। इसी का नमूना भूमि पूजन कार्यक्रम में देखने को मिलेगा। इसके गवाह कुछ मुस्लिम चेहरे भी बनेंगे। कार्यक्रम के लिए मुकदमे में बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ( Iqbal Ansari ) को भूमि पूजन में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है। इकबाल अंसारी ने कहा है कि उन्हें न्योता मिलना राम की मर्जी है। अंसारी ने कहा है कि अगर उनकी बुधवार को प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात होती है तो वो उन्हें रामचरित मानस और रामनामी दुपट्टा भेंट देंगे।
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6. मोहम्मद शरीफ

इसी तरह अयोध्या में लावारिस लाशों का अंतिम संस्कार करने वाले मोहम्मद शरीफ ( Mohammad sharif ) और सुन्नी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष जफर फारूकी (Sunni Waqf Board Chairman Zafar Farooqui ) भी इसमें शामिल होंगे। सूत्रों की मानें तो मोहम्मद शरीफ अस्वस्थ होने के कारण इस भूमि पूजन के कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाएंगे। जफर फारूकी के कार्यक्रम में मौजूद रहने की संभावना है।
वो चेहरे जो दुनिया में नहीं रहे

इसके अलावा राम जन्मभूमि आंदोलन से जुड़े रहे कुछ बड़े चेहरे अब इस दुनिया में नहीं हैं। इनमें आंदोलन संचालक और विश्व हिन्दू परिषद के पूर्व अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक सिंघल ( Ashok Singhal ) , राम जन्मभूमि न्यास के पूर्व अध्यक्ष परमहंस रामचंद्र दास और संत देवरहा बाबा का नाम सबसे टॉप पर आता है। अशोक सिंघल के भतीजे सलिल सिंघल बुधवार को भूमि पूजन में मुख्य यजमान होंगे।

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