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शाह ने कहा कि लाखों लोगों की जद्दोजहद की वजह से आपातकाल तो खत्म हो गया, लेकिन कांग्रेस पार्टी में यह मानसिकता अभी भी कायम है। एक परिवार की इच्छा पूरी पार्टी पर भारी पड़ती है। हाल ही में कांग्रेस वकिर्ंग कमिटि की एक बैठक में हुये घटनाक्रम की ओर इशारा करते हुए अमित शाह ने कहा कि “इस बैठक में एक वरिष्ठ और युवा नेता को बोलने से रोका गया, उन्हें डांट कर चुप करा दिया गया। साथ ही कांग्रेस के एक प्रवक्ता को जबरन पद से हटा दिया गया।” उन्होंने कहा कि असल में कांग्रेस के नेता पार्टी में घुटन महसूस कर रहे हैं।
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ऐसे में अमित शाह ने कांग्रेस से विपक्षी पार्टी होने के नाते पूछा कि “क्यों अब तक आपातकाल वाली मानसिकता है, ऐसा क्यों है कि जो लोग राजवंश से संबद्ध नहीं हैं, उनको पार्टी में बोलने नहीं दिया जाता है? क्यों कांग्रेस के नेता पार्टी में कुंठित हो रहे हैं? और क्यों कांग्रेस पार्टी आम आदमी से दूर होती जा रही है?”