सैफ अली खान से हुई ये चूक
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने
अभिनेता सैफ अली खान, उनकी मां शर्मिला टैगोर, बहनें सोहा अली खान, सबा अली खान और नवाब पटौदी की बहन सबीहा सुल्तान को शत्रु संपत्ति मामले में निर्देश दिया था कि अपीलीय प्राधिकरण के समक्ष अपना पक्ष रखे। लेकिन किसी ने भी समय सीमा में अपना पक्ष नहीं रखा। इसलिए सरकारी अधिग्रहण का रास्ता साफ हो गया।
पटौदी खानदान के पास क्या है अब विकल्प
दरअसल, पटौदी खानदान के पास अब एक ही विकल्प बचा है। हाईकोर्ट के इस आदेश को डिविजन बेंच में चुनौती देने का ही विकल्प है। वहीं शत्रु संपत्ति अधिनियम के तहत
पटौदी परिवार की संपत्ति को सरकार ने अपने कब्जे में लेने की तैयारी शुरू कर दी है। भोपाल डीएम ने कहा कि पिछले 72 वर्षों में शत्रु संपत्तियां किन लोगों के नाम हुई है, इसकी जांच की जाएगी। उच्च न्यायालय के आदेश के बाद अब संपत्ति का सर्वे भी कराया जाएगा। यह शत्रु संपत्ति भोपाल में कोहेफिजा से चिकलोद तक फैली हुई है और इसमें करीब 100 एकड़ जमीन शामिल है। यहां पर लंबी बसाहट है और वर्तमान में इस जगह पर करीब डेढ़ लाख लोग रहते हैं।
क्या होती है शत्रु संपत्ति
शत्रु संपत्ति को आसान शब्दों में समझे तो ये शत्रु की संपत्ति होती है। जो लोग देश के विभाजन के समय किसी दूसरे देश चले गए हो और वहां जाकर उस देश की नागरिकता ले ली हो। भारत के रक्षा अधिनियम, 1962 के तहत सरकार उनकी संपत्ति को ज़ब्त कर सकती है और ऐसी संपत्ति के लिए अभिरक्षक या संरक्षक नियुक्त कर सकती है। देश छोड़कर जाने वाले ऐसे लोगों की भारत में मौजूद संपत्ति ‘शत्रु संपत्ति’ कहलाती है। फिल्म अभिनेता सैफ अली खान को मुंबई के लीलावती अस्पताल से मिली छुट्टी, देखें वीडियो…