गृह मंत्री अमित शाह ( Home Minister Amit Shah ) ने एक इंटकव्यू में भी दोहराया कि एनपीआर और एनआरसी में कोई संबंध नहीं है। लेकिन अमित शाह का ये बयान ने तूल पकड़ लिया है।
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) चीफ असदुद्दीन ओवैसी (
Asaduddin Owaisi ) ने गृह मंत्री अमित शाह को गृह मंत्रालय की रिपोर्ट पढ़ने की सलाह दी है।
झारखंडः शपथ लेने से पहले बढ़ी हेमंत सोरेन की मुश्किल, इस दिग्गज नेता से करेंगे मुलाकात ओवैसी ने कहा, ‘गृह मंत्रालय की रिपोर्ट में राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (
NRC ) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर ( NPR ) में संबंध है। जबकि अमित शाह कह रहे हैं कि दोनों में कोई संबंध नहीं है। पहले उन्हें अपने मंत्रालय की रिपोर्ट पढ़ लेनी चाहिए। उसके बाद बयान देने चाहिए।
आपको बता दें कि भले ही अमित शाह ने कहा है कि NPR और NRC के बीच कोई संबंध नहीं है, लेकिन दिलचस्प ये है कि मोदी सरकार ने ही संसद में कई बार दोनों के लिंक्स के बारे में बताया है।
मौसम को लेकर विभाग ने जारी किया बड़ा अलर्ट, देशभर के इतने राज्यों में शीतलहर का मचेगा कहर खुद गृहमंत्रालय की रिपोर्ट में ये कहा गया है कि NRC लागू कराने की दिशा में NPR पहला कदम होगा। दरअसल 2014 को लिखित जवाब में तब गृह राज्य मंत्री रहे किरेन रिजिजू ने कहा, ‘एनपीआर योजना का रिव्यू किया गया है और ये फैसला लिया गया है कि एनपीआर को पूरा किया जाना चाहिए और इसके ‘तार्किक परिणाम’ पर पहुंचना चाहिए, जो कि एनपीआर में नागरिकता के स्टेटस के आधार पर एनआरआईसी को बनाया जाना है।’