अरविंद केजरीवाल ने बताया कि हमने उत्तराखंड में सर्वे कराया, उसमें 62 फीसदी लोगों ने कहा कि हमें उत्तराखंड में चुनाव लड़ना चाहिए, तब हमने तय किया कि आम आदमी पार्टी उत्तराखंड में चुनाव लड़ेगी।
आप प्रमुख केजरीवाल के मुताबिक उत्तराखंड में पिछले लंबे समय से युवा रोजगार के लिए परेशान हैं। ये समस्या युवाओं के साथ-साथ कई लोगों के लिए मुश्किल बनती जा रही है। इसके अलावा शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे बुनियादी असुविधाओं को लेकर भी आम आदमी पार्टी चुनावी मुद्दों के रूप में देख रही है।
जब आप प्रमुख से पूछा गया कि क्या वो उत्तराखंड में चुनाव के दौरान किसी पार्टी के साथ गठबंधन के साथ चुनावी मैदान में उतरने का मूड बना रही है तो केजरीवाल ने इससे साफ इनकार कर दिया। आप प्रमुख ने कहा कि पार्टी अपने दम पर ही चुनाव लड़ेगी और गठबंधन से दूर ही रहेगी।
आपको बता दें कि उत्तराखंड में विधानसभा की कुल 70 सीटें हैं। आम आदमी पार्टी ने इन सभी सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला लिया है।
यही नहीं ये भी बताते चलें कि दिल्ली से राजनीति में कदम रखने के बाद आम आदमी पार्टी सबसे पहले पंजाब और उसके बाद गोवा में भी चुनाव लड़ चुकी है।
आप आम आदमी पार्टी की नजरें उत्तराखंड पर टिकी हैं जो उसके चुनाव लड़ने वाला तीसरा राज्य होगा।