प्रियंका गांधी ने भाजपा पर बोला हमला, कहा- ‘सच्चे देशभक्त हैं तो इंदिरा और राज… जब तक स्वस्थ हूं चुनाव लड़ता रहूंगा इस बार उन्होंने ओडिशा के अस्का और बेरहमपुर सीट से अपना नामांकन पत्र दाखिल किया है। वह अपनी कमाई का अधिकतर हिस्सा चुनाव में खर्च कर देते हैं। वह ट्रेनों और बसों में चुनाव प्रचार करते हैं। इसके अलावा बाजार में घूमकर भी लोगों के बीच चुनाव प्रचार करते हैं। वह चार बच्चों के पिता हैं। उनके दो बेटे और दो बेटियां हैं। दोनों की शादी हो गई है। उनकी पत्नी का निधन हो चुका है। वह कहते हैं कि मेरी पत्नी ने हमेशा मुझे चुनाव लड़ने के लिए प्रेरित किया। मैं जब तक स्वस्थ हूं तब तक चुनाव लड़ता रहूंगा।
लालू से मिलने की अनुमति न मिलने पर तेजस्वी यादव ने कहा- ‘फासीवादी सरकार की ईंट से ईंट बजा देंगे’ निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में लड़ते हैं चुनाव डॉ. श्यायम बाबू ने 1962 में पहली बार चुनाव लड था। लोकसभा और राज्यसभा से लेकर
ओडिशा विधानसभा का 32 बार चुनाव लड़ चुके हैं। उनका दावा है कि कई बार मुझे कई राजनीतिक पार्टियों से चुनाव लड़ने के प्रस्ताव मिले। इसके बावजूद मैं हमेशा निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में ही चुनाव लड़ता हूं।
जानिए क्या है इलेक्टोरल बॉन्ड, अभी तक किसे मिला इसका सबसे ज्यादा लाभ? नरसिम्हा राव के खिलाफ भी लड़ चुके हैं चुनाव डॉ. श्याम बाबू सुबुद्धि गर्व से लोगों को बताते हैं कि वह पीवी नरसिम्हा राव और ओडिशा के जननायक बिजू पटनायक के खिलाफ भी चुनाव लड़ चुके हैं। वह सबसे ज्यादा नाराज इस बात को लेकर रहते हैं कि राजनेता मतदाताओं को लुभाने के लिए पैसों का इस्तेमाल करते हैं। उन्होंने बताया कि चुनाव लड़ने के लिए उन्हें जनता से भी पैसा मिलता है।
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