वरुण गांधी का भावुक पोस्ट, “मेरे पिता की मृत्यु तब हुई, जब मैं मात्र 33 साल का था। वह एक साधारण शक्ति, दूरदर्शिता और जीवटता वाले व्यक्ति थे। आज भी उनकी 77वीं जयंती है। मैं मातृभूमि के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को सलाम करता हूं। भारत को उनके सपनों का देश बनाने के लिए उनके अटूट समर्पण और अथक प्रयासों को सलाम करता हूं। मैं उनके अधूरे मिशन को को हासिल करने का प्रयास करने का संकल्प लूूता हूं…जय हिंद जय भारत।
सांसद वरुण गांधी अक्सर अपनी पार्टियों की नीतियों पर सवाल खड़ा करते रहते हैं। इसकी वजह से वह चर्चा में बने रहते हैं। उनके पिता संजय गांधी भी हर एक मुद्दे पर मुखर होकर बोलते थे।