अजब थाना गजब इंस्पेक्टर : पहले गिफ्ट लो तिलक लगवाओ फिर शिकायत बताओ
सुनने में आपको भले ही यह बात अजीब लग रही हो लेकिन सोलह आने सच है। होली पर्व के बाद पहले शुक्रवार को सेला बाबा की मजार पर उर्स शुरू होता है जिसमें देशभर से लोग पहुंचते हैं। खास बात यह है कि सेला बाबा के इस उर्स में सभी धर्मों के लोग पहुंचते हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार करीब डेढ़ सौ वर्ष से सेला बाबा की मजार पर उर्स लगता आ रहा है। सेला बाबा की मजार तहसील काली नगर के सेला में स्थित है। यह मजार जंगल में बीचो-बीच बनी हुई है।मान्यता के अनुसार यहां पर लोग जिंदा मुर्गा लेकर पहुंचते हैं। मुर्गे का सिर बाबा की मजार पर टेका जाता है। इसके बाद यहां मौजूद लोगों में इन मुर्गों को बांट दिया जाता है। एक आकलन के मुताबिक पांच दिन में हजारों की संख्या में मुर्गे यहां बिकते हैं। लोगों को मुर्गे अपने साथ लाने की भी जरूरत नहीं पड़ती। मजार के पास ही दुकानें सजती हैं जिन पर मुर्गे बिकते हैं। यहां दुकानों पर एक मुर्गे का भाव 400 रुपये से लेकर एक हजार तक होता है। इस तरह मुर्गों का भी एक बड़ा कारोबार यहां पर चलता है।