लंका से फेंके थे भगवान हनुमान, यहां गिरे थे शनिदेव, माना जाता है चमत्कारिक पीठ
वैसे तो हमारे देश में शनिदेव के कई पीठ हैं लेकिन इनमें से तीन को ही प्राचीन और चमत्कारिक पीठ माना जाता हैं, जिनका धार्मिक दृष्टि से बहुत महत्व है। कहा जाता है कि इन पीठों में जाकर पाप से मुक्ति पाया जा सकता है। मान्यता के अनुसार, इस स्थान पर जाने वाले लोग शनि के प्रकोप से बच सकते हैं, किसी अन्य स्थान पर नहीं।
यह पीठ महाराष्ट्र के एक गांव शिंगणापुर में स्थित शनि शिंगणापुर, मध्यप्रदेश के ग्वालियर के पास स्थित है शनिश्चरा मन्दिर और उत्तरप्रदेश के कोसी से छह किलोमीटर दूर कौकिलावन में स्थित है, सिद्ध शनिदेव का मन्दिर हैं। जानकारों के मुताबिक जीवन में किसी भी तरह की कठिनाई या शनि ग्रह का प्रकोप है, तो लोग इन जगहों पर आकर भयमुक्त हो जाते हैं।
मान्यता के अनुसार इन स्थानों पर शनि दोष के जातक को तत्काल लाभ मिलता है। कहते हैं कि पिछले कई हजारों वर्षों से यह पीठ आज भी ज्यों के त्यों हैं और आज भी यहां चमत्कार होते रहते हैं। इनमें से शनिश्चरा मंदिर का अपना ही महत्व है, आइये जानते हैं शनिश्चरा मन्दिर के बारे में…
शनिश्चरा मन्दिर मध्यप्रदेश के ग्वालियर के पास स्थित है शनिश्चरा मन्दिर। इसके बारे में कहा जाता है कि यहां हनुमानजी के द्वारा लंका से फेंका हुआ अलौकिक शनिदेव का पिंड स्थान है। यहां शनिशचरी अमावस्या के दिन मेला लगता है। भक्तजन यहां तेल चढ़ाते हैं और पहने हुए कपड़े, चप्पल, जूते आदि सभी यहीं छोड़कर घर चले जाते हैं। इसके पीछे ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने से पाप और दरिद्रता से छुटकारा मिल जाता है। माना जाता है कि शनिश्चरा मंदिर में शनि शक्तियों का वास है।
शनि जयंती पर लगता है मेला हर साल ज्येष्ठ मास की अमावस्या को शनि जयंती का पर्व मनाया जाता है। इस दिन प्रमुख शनिश्चरा मंदिर पर लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। यहां आने वाले श्रद्धालु शनिदेव को खुश करने के तेल चढ़ाते और उनकी पूजा करते हैं।