गुफा में विद्यमान है स्वयंभू शिवलिंग
यह गुफा 1 मीटर चौड़ी, 3 मीटर ऊंची औऱ 200 मीटर लंबी है। इस गुफा में स्वयंभू शिवलिंग के साथ ही माता पार्वती तथा नंदी की मूर्ति भी विद्यमान है। साथ ही गुफा की छत पर सांप की आकृति खुदी हुई है। कहते हैं कि यहा सच्चे मन से मांगी गई मन्नत अवश्य पूरी होती है।
भस्मासुर से जुड़ा है गुफा का इतिहास
स्थानीय किंवदंतियों के अनुसार भस्मासुर को वरदान देने के बाद जब भस्मासुर स्वयं भगवान शिव को ही भस्म करने के पीछे लग गया तब भोलेनाथ ने पहाड़ों में एक गुफा बनाई और उसमें छिप गए। इसी गुफा को शिवखोड़ी कहा जाता है। बाद में भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप धारण कर भस्मासुर के अंत का कारण बने और भोलेनाथ गुफा से बाहर आए।