scriptमक्का-मदीना के बाद यह दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा तीर्थ, हर साल आते हैं करोड़ों तीर्थ यात्री | Sabrimala Temple: second largest pilgrimage in the world | Patrika News
तीर्थ यात्रा

मक्का-मदीना के बाद यह दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा तीर्थ, हर साल आते हैं करोड़ों तीर्थ यात्री

16 नवंबर को मंडलम मकराविलाक्कु तीर्थ यात्रा के लिए खुल जाएगा सबरीमाला मंदिर

Nov 14, 2019 / 12:14 pm

Devendra Kashyap

Sabrimala Temple
सबरीमाला मंदिर में हर उम्र की महिलाओं के दाखिल होने के खिलाफ दायर पुरर्विचार याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच फैसला नहीं ले पायी हैं और आब इस मामले को 7 जजों के बेंच के पास भेज दिया है।
ये भी पढ़ें- सबरीमाला का इतिहास रामायण की शबरी से जुड़ा है, जानें मंदिर की प्रमुख बातें


गौरतलब है कि इस मंदिर में 10 से 50 साल की महिलाओं का प्रवेश मान था लेकिन सुप्रीमकोर्ट ने इस पर फैसला देकर महिलाओं की पूजा-पाठ और मंदिर में प्रवेश पर आजादी दे दी थी।

इसके बाद सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर सुप्रीम कोर्ट से धार्मिक परंपराओं का सम्मान करने की मांग करते हुए 65 याचिकाएं दाखिल की गई थीं। इन याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने इस साल 6 फरवरी को फैसला सुरक्षित रखा था।

दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा तीर्थ

केरल में मौजूद सबरीमाला मंदिर विश्व प्रसिद्ध है। कहा जाता है कि यहां पर हर साल करोड़ों की संख्या में भक्त भगवान अयप्पा का दर्शन करने के लिए आते हैं। बताया जाता है कि मक्का-मदीना के बाद यह दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा तीर्थ है।

पूरे साल नहीं खुला रहता मंदिर

अन्य हिन्दू मंदिरों की तरह तरह ये मंदिर पूरे साल नहीं खुला रहता। मलयालम पंचांग के पहले पांच दिन और अप्रैल में इस मंदिर के द्वार खोले जाते हैं। यहां हर साल 14 जनवरी को ‘मकर विलक्कू’ और 15 नवंबर को ‘मंडलम’ उत्सव मनाया जाता है, जिसे देखने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु यहां आते हैं।

काले और नीले कपड़े में ही मिलता है प्रवेश

भगवान अयप्पा के मंदिर में काले और नीले कपड़ों में ही प्रवेश किया जा सकता है। बताया जाता है कि मकर संक्रांति के दिन यहां घने अंधेरे में एक ज्योति नजर आती है, जिसे देखने के लिए ही भारी संख्या में लोग यहां पहुंचते हैं। मान्यता है कि इस ज्योत को भगवान द्वारा जलाई जाती है।

रामायण के शबरी के नाम पर इस मंदिर का नाम पड़ा सबरीमाला

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, परशुराम ने अयप्पन पूजा के लिए सबरीमाला में मूर्ति स्थापित की थी। कुछ लोग इसे रामायण काल के शबरी से भी जोड़कर देखते हैं। अर्थात भगवान राम को जूठे बेर खिलाने वाली शबरी के नाम पर ही इस मंदिर का नाम सबरीमाला पड़ा।

कौन हैं भगवान अयप्पा?

पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान अयप्पा भगवान शिव और मोहिनी के पुत्र हैं। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि मोहिनी भगवान विष्णु का ही एक स्वरूप हैं, जो समुद्र मंथन के दौरान दानवों का ध्यान भटकाने के लिए लिया था। इससे साफ है कि भगवान अयप्पा शिव और विष्णु के अंश हैं।

16 नवंबर को मंडलम मकराविलाक्कु तीर्थ यात्रा के लिए खुल जाएगा सबरीमाला मंदिर

सबरीमाला मंदिर केरल के पथनमथिट्टा जिले के पश्चिमी घाटी पर स्थित है। यह 18 पहाड़ियों से घिरा हुआ है। इस धार्मिक स्थल के द्वार 16 नवंबर की शाम को दो महीने तक चलने वाले मंडलम मकराविलाक्कु तीर्थ यात्रा के लिए खुल जाएंगे। बताया जा रहा है कि इस दौरान यहां पर लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचेंगे और भगवान अयप्पा का दर्शन करेंगे

Hindi News / Astrology and Spirituality / Pilgrimage Trips / मक्का-मदीना के बाद यह दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा तीर्थ, हर साल आते हैं करोड़ों तीर्थ यात्री

ट्रेंडिंग वीडियो