पूजा पाठ नहीं केवल चिट्ठी स्वीकार है इन गणेश जी को
एक ओर देश भर के लगभग सभी मंदिरों में देवी देवताओं का सोलह प्रकार से पूजन किया जाता है, वहीं एक ऐसा भी गणेश मंदिर है जहां दूर दूर से आकर लाखों की तादात में लोग लंबी लंबी कतारों में लगकर भगवान गणेश जी को अपनी मनोकामना वाली चिट्ठी स्वयं चढ़ाते हैं या फिर चिट्ठियां लिखकर भगवान गणेश जी के नाम से भेजते हैं। कहा जाता है कि ये गणेश जी केवल चिट्ठी पर लिखी अर्जी ही स्वीकार करते हैं, एवं यहां अर्जी लगाने वाला कभी निराश नहीं होता उसकी मनोकामना पूरी होकर ही रहती है।
यहां स्थित हैं चिट्ठी वाले गणेश जी
हिन्दुस्तान के राजस्थान राज्य के रणथंभौर में एक मंदिर ऐसा है जहां श्रद्धालु भक्त अपनी मनोकामना पूर्ति करने के लिए गणेश जी को चिट्ठी लिखकर भेजते हैं या फिर स्वयं अपने हाथों से चिट्ठी चढ़ाते हैं। इसके बाद पुजारी चिट्ठियों को भगवान गणेश के सामने पढ़कर सुनाते हैं और उनके चरणों में रख देते हैं। इसलिए यहां हमेशा भगवान के चरणों में चिठ्ठियों और निमंत्रण पत्रों का ढेर लगा रहता है। राजस्थान के सवाई माधौपुर से लगभग 10 किमी. दूर रणथंभौर के किले में बना गणेश मंदिर 10वीं सदी में रणथंभौर के राजा हमीर ने बनवाया था।
भगवान गणेश की तीन आंख है
यहां भगवान गणेश की मूर्ति बाकी मंदिरों से कुछ अलग है, मूर्ति में भगवान की तीन आंखें हैं, एवं गणेश जी अपनी पत्नी रिद्धि, सिद्धि और अपने पुत्र शुभ-लाभ के साथ विराजमान है। ऐसी मान्यता है कि यहां अपनी अर्जी लेकर आने वाला कभी खाली नहीं लौटता, शीघ्र ही भगवान गणेश जी उनकी मनोकामना पूरी कर देते हैं।
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