scriptतीन दिनों तक बंद रहेंगे कामाख्या देवी मंदिर के द्वार, ये है खास वजह | Patrika News
तीर्थ यात्रा

तीन दिनों तक बंद रहेंगे कामाख्या देवी मंदिर के द्वार, ये है खास वजह

यहां भक्तों को प्रसाद के रूप में दिया जाता है गीला कपड़ा

Jun 21, 2019 / 03:15 pm

Tanvi

kamakhya ambubachi 2019

तीन दिनों तक बंद रहेंगे कामाख्या देवी मंदिर के द्वार, ये है खास वजह

देवी के 51 शक्तिपीठों ( shaktipeeth ) में से एक है कामख्या देवी ( kamakhya devi ) महापीठ माना जाता है। पुराणों के अनुसार माना जाता है कि जब विष्णु भगवान ने अपने चक्र से माता सती के 51 भाग किए थे, तब यहां पर माता की योनी गिरी थी, जोकी आज बहुत ही शक्तिशाली पीठ है। यहां वैसे तो सालभर ही भक्तों का तांता लगा रहता है। लेकिन दुर्गा पूजा, पोहान बिया, दुर्गादेऊल, वसंती पूजा, मदानदेऊल, अंबुबाची ( ambubachi mela ) और मनासा पूजा पर इस मंदिर का अलग ही महत्व है। जिसके कारण इन दिनों में लाखों की संख्या में भक्त यहां पहुचतें है।

kamakhya ambubachi 2019

अंबुबाची मेला ( ambubachi mela )

कामाख्या मंदिर में हर साल तीन दिन का अंबुबाची मेला लगता है। इस मेले में देश के कोने-कोने से तंत्र-मंत्र के साधक आते हैं और मेले में शामिल होते हैं, क्योंकि कामाख्या देवी मंदिर तंत्र साधना का प्रमुख स्थान माना जाता है। यह मेला दुनिया भर में प्रसिद्ध है। ऐसी मान्यता प्रचलित है कि तीन दिनों तक चलने वाले इस मेले के दौरान मंदिर का दरवाजा अपने आप बंद हो जाता है। वजह यह है कि इन 3 दिनों में देवी रजस्वला रहती हैं। इस साल यह मेला 22 जून से शुरू हो रहा है।

 

kamakhya ambubachi 2019

26 जून को खुलेंगे मंदिर के द्वार

इस साल अंबुबाची मेले ( ambubachi mela ) के लिए मंदिर का दरवाजा 22 जून को रात में 9 बजकर 27 मिनट और 54 सेकेंड पर बंद हो जाएगा और 26 जून की सुबह 7 बजकर 51 मिनट और 58 सेकेंड पर दोबारा खुलेगा। इस दौरान अंबुबाची मेले का आयोजन किया जाएगा। 26 जून को ही देवी के पूजा स्नान के बाद मंदिर के द्वार खुले जाएंगे। इसके बाद प्रसाद वितरण कार्यक्रम शुरू होगा।

प्रसाद में बांटा जाता है गीला कपड़ा

यहां भक्तों को प्रसाद के रूप में गीला कपड़ा दिया जाता है, जिसे अंबुबाची वस्त्र कहते हैं। इसी वजह से मेला का नाम अंबुबाची पड़ा है। कहा जाता है कि देवी के रजस्वला होने के दौरान प्रतिमा के आस-पास सफेद कपड़ा बिछा दिया जाता है। तीन दिन बाद जब मंदिर के दरवाजे खोले जाते हैं, तब वह वस्त्र माता के रज से लाल होता है।

 

kamakhya ambubachi 2019

51 शक्तिपीठों में माना जाता है महापीठ

असम की राजधानी दिसपुर से लगभग 7 किलोमीटर दूर स्थित कामाख्या देवी शक्तिपीठ नीलांचल पर्वत से 10 किलोमीटर दूर है। कामाख्या मंदिर सभी शक्तिपीठों का महापीठ माना जाता है। यही नहीं आश्चर्य की बात तो यह है की यहां मंदिर में देवी दुर्गा की कोई प्रतिमा या मूर्ति स्थापित नहीं है। यहां देवी की मूर्ति नहीं बल्कि देवी मां की योनि की पूजा की जाती है। योनी भाग के यहां होने से माता यहां रजस्वला भी होती हैं। यहां मंदिर में एक कुंड भी बना हुआ है, जो की हमेशा फूलों से ढ़का रहता है। इस कुंड से हमेशा ही जल प्रवाहित होता रहता है।

Hindi News/ Astrology and Spirituality / Pilgrimage Trips / तीन दिनों तक बंद रहेंगे कामाख्या देवी मंदिर के द्वार, ये है खास वजह

ट्रेंडिंग वीडियो