जायदाद की दो हिस्सों में रजिस्ट्री कर दी
अख्तर इमाम ने अपनी संपत्ति का आधा हिस्सा पत्नी के नाम रजिस्ट्री की। जबकि अपने हिस्से की पांच करोड़ की संपत्ति दो हाथियों के नाम कर दी है। अख्तर इससे खुश हैं। कहते हैं कि मेरे नहीं रहने के बाद घर, मकान,बैंक बैलेंस,खेत खलिहान सब हाथियों के हो जाएंगे। हाथियों को यदि कुछ हुआ तो जायदाद ‘ऐरावतÓसंस्था को मिल जाएगी। अख्तर इमाम ऐरावत संस्था के संरक्षक भी हैं। कहा कि उनका जीवन हाथियों को ही समर्पित है। जीवन में बस हाथी ही उनके लिए सब कुछ हैं।
नालायक औलाद को किया बेदखल
अख्तर इमाम बिना किसी अफसोस के बताते हैं कि एकमात्र औलाद मिराज उर्फ पिंटू नालायक निकल गया। उसने अपनी प्रेमिका से दुष्कर्म के झूठे आरोप लगाकर मुझे बेवजह फंसाया। मामले में जेल तक जाना पड़ गया। मगर जांच में आरोप झूठे निकले। उसने हाथियों को मारने की भी कोशिश की लेकिन पकड़ा गया। एकमात्र औलाद के कारनामे से खिन्न अख्तर इमाम ने अंतत: दिल पर पत्थर रखकर कड़ा फैसला किया। दानापुर रजिस्ट्री ऑफिस जाकर संपत्ति को दो हिस्सों में बांटते हुए आधी पत्नी को रजिस्ट्री कर दी। अपने हिस्से की पांच करोड़ जायदाद इमाम ने हाथियों के नाम कर दी।
हाथियों ने जान बचाई थी इसलिए हैं दीवाने
अख्तर इमाम की जान पर बन आई थी। एक रात दो हथियारबंद लोग घर में जान मारने की नीयत से घुस आए। तब हाथियों ने शोर मचाकर उन्हें और आस-पास के लोगों को जगा दिया। शोर सुनकर हत्या करने आए दोनों भाग खड़े हुए। इमाम आहत होकर बताते हैं कि बेटे ने मुझे और दोनों हाथियों को मार डालने की अनेक कोशिशें कीं। लेकिन अल्लाह ने सब खैर किए रखा। अब हाथी ही उनके साथी हैं और हाथियों के लिए ही समर्पित सारा जीवन है। हाथी प्रेमी अख्तर को लोग हाथी वाले के नाम से जानते हैं।
दोनों हाथियों से है अद्भुत लगाव
दोनों हाथियों से अख्तर इमाम का लगाव देखकर कोई भी दंग रह जाता है। दोनों हाथियों में एक का नाम रानी तो दूसरे का मोती रखा है। दोनों ही साथ रहते, सोते जागते हैं। नाम पुकारने पर दोनों ही जवाब में बोलते और कहा मानते हैं। पत्नी भी इमाम का साथ छोड़कर अन्यत्र रहती है। इसका मलाल उन्हें नहीं है। कहते हैं, मेरे लिए तो ये ही दोनों सब कुछ हैं।