ग्रामीणों के विरोध से गुस्से में भी आए डीजीपी
सारण के मरौढ़ा में अपराधियों के हमले में शहीद हुए दो पुलिसकर्मियों के शवों पर पुष्पांजलि करने पहुंचे डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय को ग्रामीणों और परिजनों के विरोध का सामना करना पड़ गया। इसके बाद डीजीपी ने मीडिया पर अपनी भड़ास निकाल दी। डीजीपी ने मीडिया से कहा कि अपराधी डीजीपी की भी हत्या कर सकते हैं। दरअसल मीडियाकर्मियों ने बिहार में हत्याओं ( Murder In Bihar ) का मामला उठाया था और कहा था कि पुलिसकर्मियों की भी हत्या की जा रही है। इसी पर डीजीपी उबाल खा गए और कहा कि अगर रात में डीजीपी घर से बाहर निकले, तो अपराधी तो डीजीपी को भी मार सकते हैं।
यह था मामला
मरौढ़ा में हथियारों से भरी स्कॉर्पियो पहुंचने की सूचना पाकर पहुंचे दारोगा और पुलिसकर्मियों के दल पर मंगलवार देर शाम हथियार तस्करों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर एक दारोगा और एक सब इंस्पेक्टर की हत्या कर दी थी। एक जवान बुरी तरह जख्मी है। इन सबके दौरान रिटायर्ड आईपीएस अमिताभ दास के एक बयान से भी सरकार और पुलिस प्रशासन की किरकिरी हो रही है। अमिताभ ने कहा कि सूबे में हालात बेकाबू हैं। अपराधी बेखौफ वारदात करते जा रहे हैं और इन पर कोई नियंत्रण नहीं है। अमिताभ दास ने ही 2009 के चुनावों में मुख्य निर्वाचन अधिकारी सुधीर राकेश को लिखित सूचना दी थी कि अनंत सिंह के पैतृक घर में हथियारों का जखीरा है। दास ने अपनी जान का खतरा बताकर डीजीपी से सुरक्षा की गुहार लगाई है। दास ने मीडिया को बताया कि उन्हें अनंत सिंह ( Anant Singh ) की तरफ से जान मारने की फोन पर धमकियां मिल रही हैं।