आपको बता दें कि, मृतकों में 9 दंपती थे, जिनका एक साथ 9 चिताओं पर अंतिम संस्कार किया गया। इसके साथ ही, सबसे ज्यादा मृतक बुद्धसिंह सांटा गांव के थे। हादसे में यहां के 8 लोगों की जान गई है। इसके अलवा मोहंद्रा गांव के 4, पवई गांव के 2 , सिमरिया गांव के 2, कुंवरपुर गांव के 2, कोनी गांव के 2, उड़ला गांव के 2, उड़ला गांव के 2, चिखला गांव के 1 और ककरहटा गांव के 1 तीर्थ यात्री का अंतिम संस्कार किया गया है।
यह भी पढ़ें- उत्तराखंड बस हादसा : जैसे ही गांव पहुंचे तीर्थ यात्रियों के शव चारों और मच गई चीख पुकार
एक ही घर से उठी 6 अर्थियां
सबसे ज्यादा मार्मिक दृश्य सिमरिया इलाके में आने वाले बुद्धसिंह सांटा गांव का था। यहां 8 लोगों की चिताएं मौत से मातम पसरा है। मंगलवार सुबह 8 बजे जैसे ही द्विवेदी परिवार की एक साथ 6 अर्थियां उठी, हर आंख भर आई। मां और घर के मुखिया पिता को खोने वाले बच्चे सदमे हैं। साटा के द्विवेदी परिवार के तीन दंपती इस यात्रा में शामिल थे। तीनों दंपती की चिताएं साथ जलाई गईं।
यह भी पढ़ें- उत्तराखंड बस हादसा : वायुसेना के विमान से खजुराहो पहुंचे तीर्थयात्रियों के पार्थिव शरीर, पसरा मातम
गांव के किसी भी घर में नहीं जला चूल्हा, बिना गाजे-बाजे के निकली बारात
एक साथ 8 लोगों की मौत से साटा में मातम पसरा रहा। इसी दुख में यहां के किसी भी घर में कल रात से आज दिन तक चूल्हा नहीं जला है। गांव के ही फुल्ला वर्मन के घर बेटे की बारात जानी थी, जिसका उत्साह तो गांव में 8 शवों के आते ही पूरी तरह से खत्म हो ही चुका था। लेकिन, आज सुबह बारात निकलने का समय भी तय था, जिसे परिवार ने बिना गाजे-बाजे के दूल्हे देशराज वर्मन की बारात निकाली।