बताया रहा है कि सूर्य के रोहणी सूर्य जब रोहिणी नक्षत्र में 15 दिनों के लिए आता है तो उन पंद्रह दिनों के पहले नौ दिन सर्वाधिक गर्मी वाले होते हैं। यदि इन नौ दिनों में किसी भी प्रकार से बारिश न हो और न ही ठंडी हवा चले तो यह माना जाता है कि आने वाले दिनों में अच्छी बारिश होगी। सूर्य की गर्मी और रोहिणी के जल तत्व के कारण मानसून गर्भ में जाता है और नौ तपा ही मानसून का गर्भकाल माना जाता है। इसके वितरीत इस बार ताउते और इसके बाद यास इन दोनों बड़े चक्रवातों के कारण नौतपा में इसका असर पड़ा है। हालांकि इसके बावजूद तय समय पर मानसून पहुंचने की संभावना मौसम विभाग कर रहा है। इस दृष्टि से प्री मानसून गतिविधिंया भी प्रांरभ हो गई।
बताया जा रहा है कि नौपता में सभी दिनों में इस तरह पारा 40 डिग्री में लगभग 30 वर्ष पहले की स्थिति में था। इस दौरान जिले में नौतपा का अधिकतम तापमान 36 से 38 डिग्री के आसपास रहता है।
मौसम विभाग के अनुसार दो चक्रवाती तूफान के बाद इस बार तीन दिन पहले 22 से 27 जून तक जिले में मानसून दस्तक देगा। मौसम विभाग के अनुसार इस बार मानसून में 104 फीसदी बारिश होने की संभावना है। इसके लिए प्री मानसून की गतिविधिंया भी प्रांरभ हो गई है। मौसम विभाग ने 3 जून को केरल में मानसून पहुंचने की संभावना जताई है।
मौसम विभाग के अनुसार नौतपा समाप्त होने के बाद अभी तापमान और बढ़ेगा। बताया जा रहा है सूर्य ९ जून तक रोहणी नक्षत्र में रहेगें। इस दौरान अभी तेज तपन का एहसास होगा। गुरुवार को लोग उमस भरी गर्मी से बेचैन रहा है। मौसम विभाग ने आने वाले दिनों पार 40 डिग्री के पार जाने की संभावना जताई है।