आधी रात पैलेस में घुसी पुलिस
बताया गया है कि एफआइआर होने और सलीम की गिरफ्तारी के बाद जीतेश्वरी देवी परिवार सहित भूमिगत हो गईं थीं। बुधवार को उनके पैलेस में आने की सूचना मिली तो पुलिस ने दे रात घेराबंदी करके हिरासत में ले लिया। आरोपी जीतेश्वरी देवी कोतवाली में आरोपों को फर्जी और इसे बदले की कार्रवाई बताती रहीं। सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी ऋषिकांत द्विवेदी ने बताया कि जीतेश्वरी देवी पुलिस ने गुरुवार को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी पन्ना के कोर्ट में पेश किया। उनके वकील द्वारा कोर्ट में जमानत आवेदन लगाने का सरकारी वकील की ओर से विरोध किया गया। मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट की ओर से जमानत अर्जी खारिज करते हुए जीतेश्वरी देवी को न्यायिक अभिरक्षा में भेजने का आदेश दिया गया।
पन्ना राजपरिवार की करोड़ों की संपत्ति पन्ना सहित देश में कई जगहों पर फैली हुई हैं। इन पर स्वामित्व को लेकर राजपरिवार के सदस्यों के बीच दो दशक से विवाद चल रहा है। राजपरिवार के सदस्य लोकेंद्र सिंह के निधन के बाद कुछ महीनों तक विवाद शांत रहा। जो अब फिर उभरकर सामने आ गया है।
पन्ना राजपरिवार के सदस्य महाराज छत्रसाल के वंशज हैं। इनके रिश्ते राजस्थान के राजपरिवार के साथ ही मप्र के भी कई रजवाड़ों से हैं। इससे सुबह पुलिस के कार्रवाई की जानकारी सामने आने के बाद से ही हलचल है। लोकसभा चुनाव के दौरान जीतेश्वरी देवी को भाजपा के मंच से वोट मांगते हुए भी देखा गया है। वहीं राजपरिवार की वरिष्ठ सदस्य दिलहर कुमारी पूर्व में पवई विस से चुनाव लड़ चुकी हैं। इनदिनों वे पन्ना परिवर्तन मंच के बैनर तले सामाजिक कार्यों और केन बेतवा लिंक परियोजना के विरोध की गतिविधियों से जुड़ी हुई हैं।