मामा के दुकान में सीखी टाइपिंग :
सक्षम ने जिस कारनामे से यह खिताब अपने नाम किया है वह उसने अपने मामा के साइबर कैफे में टाइपिंग सीखकर किया है। सक्षम की तेज और अच्छी टाइपिंग को देखते हुए उसके मामा राहुल नामदेव ने उसे इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड में हिस्सा लेने सलाह दी थी। मामा की देख रेख में सक्षम ने साइबर कैफ़े में टाइपिंग सीखी और यह मुकाम हासिल कर लिया। यह भी पढ़े – 1000 साल पुराने मंदिर में चोरी, एक मूर्ति खंडित भी कर गए चोर ग्यारहवीं कक्षा में पढ़ता है सक्षम :
पन्ना नगर निवासी सक्षम नामदेव अपनी मां लक्ष्मी नामदेव के साथ रहता है। वह ग्यारहवीं कक्षा में पढ़ाई करता है। सक्षम की मां भगवान जुगलकिशोर के कपड़े सिलने का काम करती है जिससे उसकी पढ़ाई का खर्चा निकलता है।पढ़ाई करने के साथ ही सक्षम अपने मामा का हाथ उनके इंटरनेट कैफ़े में बंटाता है।