फुलाद गांव निवासी राजेंद्र सिंह ने बताया कि महिला संतोष देवी पत्नी राम सिंह रावत रविवार सुबह 6 बजे बेटे तेजराज के साथ जंगल में लकड़ियां लेने गई थी। पर्वतसिंह की धूणी (मंदिर) के पास वह लकड़ियां तोड़ रही थी। इस दौरान भालू ने अचानक उस पर हमला कर दिया। भालू को मां पर हमला करते देख बेटा तेजराज चिल्लाते हुए भागा।
चीख-पुकार सुन मंदिर का पुजारी और आसपास खेत में काम कर रहे लोग उसे बचाने दौड़े। तब तक भालू वहां से भाग चुका था। लहूलुहान हालत में संतोष मौके पर तड़प रही थी। परिजन उसे हॉस्पिटल ले गए, जहां हालत गंभीर होने पर पाली के बांगड़ हॉस्पिटल रेफर कर दिया। जहां उसका दम टूट गया। संतोष का पति राम सिंह रावत अहमदाबाद में होटलकर्मी है। संतोष के एक बेटी वीणा (14), बेटा राजवीर (12) और तेजराज (8) हैं।
खतरा समझ भालू करता है हमला
जोजावर रेंज के रेंजर विजेंद्र सिंह डाबी ने बताया- भालू किसी भी इंसान को देख खतरा महसूस करता है। इसलिए हमला कर देता है। जहां घटना हुई (पर्वतसिंह की धूणी) वह भी वन क्षेत्र में ही आता है।
चिकित्सक बोले- पहली बार ऐसा हमला देखा
बांगड़ अस्पताल के डॉ. जे.पी. रांगी ने बताया कि महिला को जब लाए उसकी हालत बहुत खराब थी। भालू ने महिला की खोपड़ी और नाक तोड़ दी थी। आंखें बाहर निकाल दी थी। पूरा चेहरा बुरी तरह नोचा गया था। सिर की चमड़ी हटी हुई थी। पेट और गर्दन पर भी गहरे घाव थे। पहली बार ऐसा देखा है कि भालू ने किसी इंसान को इतनी बुरी तरह नोचा कि उसकी मौत हो गई।