यह बताई समस्या व उसका समाधान
● अतिक्रमण: हम अपनी दुकानों के बाहर सामान नहीं रखेंगे। प्रशासन को चाहिए, वे इस पर सती करते हुए सभी दुकानों के आगे से अतिक्रमण हटवाएं। ● मवेशी: बाजार में मवेशी बैठे रहते है। विचरते है। वे झगड़ते हैं तो लोगों को परेशानी होती है। कई बार वाहन क्षतिग्रस्त होते है। दुकानों का सामान व काउंटर तक टूट जाते है। उनको हटाया जाना चाहिए। ● सुविधाएं: बाजार में महिलाओं व व्यापारियों के लिए सुलभ सुविधा नहीं है। नगर निगम की जमीन बाजार के भीतर है। वहां सुविधा दी जानी चाहिए। धानमंडी में जिस जगह सुविधा है, वहां कम से कम सफाई समय पर होनी चाहिए।
● पार्किंग: व्यापारी स्वयं के वाहन भी दुकानों के आगे नहीं रखकर ऐसी जगह रखें जहां ग्राहक व अन्य किसी को असुविधा नहीं हो। ग्राहकों के वाहन रखने के लिए भी जगह होनी चाहिए।
● लिखेंगे नबर: कचरा संग्रहण वाहन के नबर हम तीन-चार जगह लिखवाएंगे। जिससे कचरा वाहन नहीं आने पर उससे सपर्क कर बुलाया जा सके। व्यापारी दुकानों के कचरा पात्र वहां खाली कर सकें। ● सफाई : सड़कों के साथ नालियों की सफाई भी रोजाना होनी चाहिए। उसके अभाव में गंदगी होती है। जिससे ग्राहकी प्रभावित होती है।
● पुलिस सुरक्षा : बाजार में पुलिस को सुरक्षा की व्यवस्था करनी चाहिए। यातायात नियंत्रित करने के लिए कदम उठाना चाहिए। निगम व पुलिस को दिन में कम से कम दो बार गश्त करनी चाहिए। जिससे अतिक्रमण नहीं हो।
इन व्यापारियों ने रखी बात
विकास बुबकिया, भैरूसिंह राजपुरोहित, दौलाराम पटेल, पदम धोका, प्रमोद दवे, सुरेश राव, मदनदास वैष्णव, सुनील पटेल, गोविंद पटेल, वीरेंद्र सिंह, अनिल परिहार, विनोद गहलोत, प्रताप राठौड़, निर्मल जैन, किशोर, पिंटू शर्मा, रूपाराम घांची, कल्याण जैन, भीमराज चौधरी, विजयराज सोनी, ओमप्रकाश पंवार व न परतसिंह आदि।