जूनी कचहरी परिसर में आयोजित कार्यक्रम में पूर्व विधायक ज्ञानचंद पारख ने कहा कि वीर प्रताप ने विषम परिस्थितियो में हार नहीं मानी। आत्मविश्वास से आगे बढ़े। नगर परिषद के पूर्व सभापति महेंद्र बोहरा ने कहा कि माता जयवंता की इस भूमि को नमन है। समिति अध्यक्ष शैतानसिंह सोनिगरा ने कहा कि समिति इस स्थल को मान दिलाने के लिए 28 वर्षों से संघर्ष कर रही है। उन्होंने महाराणा प्रताप की माता जयवंता कंवर के नाम को मान दिलाने की राज्य सरकार से मांग की। पार्षद विकास बुबकिया ने महाराणा प्रताप स्थल के सौन्दर्यीकरण की मांग की।
इन्होंने किया सहयोग
समिति संयोजक उगमराज सांड ने बताया कि कार्यक्रम में आर्य वीर दल, शिवसेना, विश्व हिंदू परिषद, शिवसेना शिन्दे, महाराणा प्रताप कमांडो फोर्स, भारत रक्षा मंच महिला विंग सहित अन्य संस्थाओं ने सहयोग किया। उनके प्रमुखों का समिति की ओर से बहुमान किया गया।
पुस्तक का विमोचन
समिति सचिव चम्पालाल सिसोदिया व सहसचिव रितेश छाजेड़ ने बताया कि कार्यक्रम में विजयकृष्ण नाहर की ओर से महाराणा प्रताप के नाना पर लिखित पुस्तक पाली नरेश अखेराजसोनिगरा का विमोचन किया गया। समारोह में अंतरराष्ट्रीय वैश्य महासम्मेलन, रमेश बाफना, पदमचंद मेहता भांवरी, भूपेंद्र सेठिया आदि ने सहयोग किया। इस मौके नगर परिषद सभापति रेखा भाटी, उपसभापति ललित प्रीतमानी, पार्षद राधेश्याम चौहान, नरेश मेहता, विक्रमपालसिंह, मुकेश गोस्वामी, पूर्व सभापति कुसूम सोनी, भाजपा महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष मनोहर कंवर, अशोक गादिया, चतुर्भुज खाबानी, अशोक तलेसरा, रामकिशोर साबू, मण्डल अध्यक्ष पुखराज बंजारा, जितेन्द्र भन्साली आदि मौजूद रहे।