यह गिरफ्तारी तत्कालीन एसडीएम आईएएस देशलदान की ओर से दर्ज मामले में की गई है। देशलदान ने अप्रेल 2021 में पाली एसडीएम के पद पर जॉइन किया था। कार्यालय में तैनात रीडर मूलसिंह ने नवंबर 2020 में ही आईएएस देशलदान के साइन से भरण पोषण के केस में ऑर्डर शीट जारी कर दी थी। आरोपी से पूछताछ के बाद एसडीएम ऑफिस के दो और रीडर पुलिस के रडार पर हैं। मूल सिंह के खिलाफ दो अन्य मामले तत्कालीन पाली कलक्टर नमित मेहता व तत्कालीन पाली एसडीएम उत्सव कौशल की ओर से दर्ज हैं। तीनों अधिकारियों की ओर से दर्ज तीनों प्रकरणों की तथ्यात्मक रिपोर्ट राज्य सरकार को भी भेज दी गई है।
रीडर का जहां जहां कार्यकाल रहा, फाइलें खंगालेगी पुलिस
सितम्बर 2023 में तत्कालीन जिला कलक्टर (हाल भीलवाड़ा कलक्टर) नमित मेहता के फर्जी हस्ताक्षर कर जमीन से जुड़े मामले में फैसला करने के मामले में एफएसएल रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि ऑर्डर शीट पर मेहता के हस्ताक्षर नहीं है। इसी रीडर ने आईएएस एवं ब्यावर कलक्टर उत्सव कौशल और अजमेर नगर निगम के आयुक्त आईएएस देशलदान के फर्जी साइन से प्रकरणों में फैसले सुना दिए। इन दोनों आईएएस ने भी 30 अप्रेल को पाली कोतवाली में रीडर के खिलाफ फर्जी हस्ताक्षर से फैसला देने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। दोनों आईएएस ने कुल 49 प्रकरणों में रीडर द्वारा फर्जी साइन कर फैसले करने के आरोप में केस दर्ज कराया है। इधर, कोतवाली पुलिस ने राजस्व प्रकरणों से जुड़ी 49 फैसलों की फाइल मांगी है, ताकि उन पर किए गए हस्ताक्षर का मिलान दोनों आईएएस के असली साइन से कराने के लिए एफएसएल को नमूना हस्ताक्षर भेजा जा सके।