दरअसल, राजस्थान पत्रिका के 6 अप्रेल के अंक में अलर्ट बेअसर… रात आठ बजे बाद भी बिक रही शराब शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया गया। इसमें पत्रिका ने खुलासा किया था कि शहर के मिल गेट, रामदेव रोड व मंडिया रोड स्थित ठेकों पर रात आठ बजे बाद भी खुलेआम शराब बिक रही है। इस पर न तो पुलिस की रोक टोक नजर आई और न ही जिम्मेदार आबकारी विभाग के अधिकारी कार्रवाई कर रहे थे। समाचार प्रकाशित होने के बाद हरकत में आए आबकारी अधिकारी विनोद वैष्णव के निर्देश पर गठित आबकारी टीम ने तीनों शराब के ठेके सीज कर दिए थे। साथ ही रात 8 बजे बाद कहीं भी शराब बिक्री होने पर संबंधित के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए थे।
गांव-कस्बों में रात आठ बजे बाद खुलेआम शराब के ठेके आबाद रहते हैं। शराब की बिक्री हो रही है। ये तो तब है, जब पत्रिका स्टिंग में इसका खुलासा किया गया। जिले के अधिकांश गांव-कस्बों में भी ऐसे ही हालात हैं।
रात आठ बजे बाद भी चुनावी आचार संहिता के बीच ठेकों पर शराब बिक्री के मामले का पत्रिका के समाचार के जरिए खुलासा होने के बाद जिला निर्वाचन अधिकारी ने लापरवाही बरतने के मामले में विभागीय जांच प्रस्तावित की थी। इस पर आबकारी आयुक्त अंशदीप ने रविवार को राजस्थान असैैनिक सेवाएं (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम, 1958 केे नियम, 13 के अन्तर्गत प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए पाली वृत्त आबकारी निरीक्षक संजय अखावत को निलम्बित करते हुए उनका मुख्यालय उदयपुर आबकारी कार्यालय किया है।