scriptरेस्क्यू टीम को 21वें दिन मिली सफलता : मलबे के नीचे दबा दिखा नरेन्द्र का शव, परिजनों की आस हुई खत्म | body of Narendra found buried in rubble of a well in Bornadi of Pali | Patrika News
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रेस्क्यू टीम को 21वें दिन मिली सफलता : मलबे के नीचे दबा दिखा नरेन्द्र का शव, परिजनों की आस हुई खत्म

-पाली जिले के सोजत रोड़ पुलिस थाना क्षेत्र के बोरनड़ी गांव सरहद में स्थित बेरा समदड़ा की घटना

पालीJul 12, 2021 / 09:36 pm

Suresh Hemnani

रेस्क्यू टीम को 21वें दिन मिली सफलता : मलबे के नीचे दबा दिखा नरेन्द्र का शव, परिजनों की आस हुई खत्म

रेस्क्यू टीम को 21वें दिन मिली सफलता : मलबे के नीचे दबा दिखा नरेन्द्र का शव, परिजनों की आस हुई खत्म

पाली/मारवाड़ जंक्शन। जिले के सोजत रोड़ पुलिस थाना क्षेत्र के बोरनड़ी गांव सरहद में स्थित बेरा समदड़ा पर गत 22 जून को कुंए में गिरे नाबालिग नरेन्द्र 21 दिनें बाद सोमवार शाम को मलबे के नीचे शव के रूप में दबा नजर आया। जिसे देख प्रशासनिक अधिकारियों सहित कार्य कर रहे श्रमिक व सेना के जवानों के सांस में सांस आई। वहीं नरेन्द्र के जीवित देखने की उम्मीद लगाए बैठे परिजनों की आस खत्म हो गई।
जानकारी के अनुसार गत 22 जून मंगलवार को प्रात: 11 बजे बोरनडी गांव सरहद में स्थित बेरा समदड़ा पर एक कुंए की मरम्मत कार्य के दौरान फर्मे लगाने का कार्य कर रहा 15 वर्षीय नाबालिग नरेन्द्र पुत्र पप्पुराम नायक कुंआ ढह जाने के कारण कुंए मे गिर गया था। जिसको लेकर गत 21 दिनों से मेजर मनीष, सोजत वृताधिकारी वृत डॉ हेमंत कुमार जाखड़, विकास अधिकारी किशनङ्क्षसह राठौड़ के निर्देशन में श्रमिकों व सेना के जवानों द्वारा लगातार रेस्क्यु कार्य जारी था। 12 जुलाई सोमवार को सुबह से प्रतिदिन की तरह कुंए में से मलबा निकाला जा रहा था। इस दौरान शाम को खुदाई के दौरान नरेन्द्र के शव का अंग मलबे मे दबा दिखा। जिस पर श्रमिकों ने अधिकारियों को सूचित किया।जिसके बाद कार्य को रोक दिया गया। वहां उपस्थित अधिकारियों ने उच्च अधिकारियों को सूचित किया। जिस पर देर शाम अतिरिक्त पुलिस अधिक्षक डॉ तेजपालसिंह मौके पर पहुंचे ओर कार्य की जानकारी ली। सेना के जवान व श्रमिकों के अनुसार नरेन्द्र के शव पर काफी मलबा था। जिसको लेकर शव को नुकसान ना पहुंचे उसके देखते हुए धीमी गति से मलबा हटाने का कार्य शुरू किया गया। जो देर शाम तक चला।
इस मौके पर मेजर मनीष, सोजत वृताधिकारी वृत सोजत जाखड़, उपखण्ड अधिकारी दौलतराम, तहसीलदार रामलाल मीणा, विकास अधिकारी किशनङ्क्षसह राठौड़, बोरनड़ी सरपंच धनङ्क्षसह कुम्पावत, सवराड़ पूर्व सरपंच कैलाश मालवीय, पंचायत प्रसार अधिकारी भरतसिंह सोढ़ा, आरआई माधुराम, विक्रमसिंह कुम्पावत, पटवारी अजयसिंह, सोजत रोड़ थानाप्रभारी अनिलकुमार, ग्राम विकास अधिकारी सुमेरङ्क्षसह, कैलाशचंद्र, रमेश मेवाड़ा, चेतनप्रकाश, भुण्डाराम, जगदीश कुमार, कैलाशचंद, ओमप्रकाश सहित अनेक अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।
मां सहित बहनों का रो-रोकर हो रहा बुरा हाल
नरेन्द्र की दो वर्ष की उम्र मे ही उसके पिता का देहांत हो जाने के बाद वह अपनी तीन बहनों व मां के साथ ही रह रहा था। एकलौता होने के कारण पूरे परिवार में लाडला व सभी बहनों का प्यारा भी था। नरेन्द्र सहित उसकी तीन बहनों का पालन-पोषण इनकी मां इन्द्रा देवी ही कर रही थी। इन्द्रा देवी मजदूरी करके दो पुत्रियों की शादी करवाई जो ससुराल जाती है और नरेन्द्र व उसकी छोटी बहन इन्द्रा देवी के पास था। नरेन्द्र के जीवित लौट आने की आस लगाए बैठे परिजनों को जब शव दिखने की खबर मिली तो उनकी सारी उम्मीदें धरी के धरी रह गई।
बुझ गया घर का चिराग
जानकारी के अनुसार चार भाईयों के परिवार में मात्र एक नरेन्द्र ही एकलौता वारीश था। नरेन्द्र के पिता पप्पुराम सहित चार भाई का परिवार है। जिसमें से पप्पुराम, तेजाराम, राजु की मौत हो चुकी है तथा पिताराम अभी जीवित है। तेजाराम, राजु व पिताराम के पुत्रियां है। तथा मात्र पप्पुराम के एक पुत्र नरेन्द्र व तीन पुत्रियां है। पूरे परिवार में मात्र नरेन्द्र ही पुत्र होने के कारण व उसके ही अब कुएं में शव मिलने की वजह से परिवार का चिराग बुझ गया है।
मां गई हुई थी नरेगा में, पीछे नरेन्द्र उतर गया था कुंए में
गत 22 जून मंगलवार को नरेन्द्र की मां नरेगा में गई हुई थी। इसी दौरान पीछे से नरेन्द्र को रूपए का लालच देकर कुएं पर मरम्मत का कार्य करवाने वाले ठेकेदार ने नरेन्द्र को फर्मे लगाने के लिए कुएं में उतार दिया। खतरे से अंजान नरेन्द्र कुएं के अंदर उतर गया। परन्तु ना नरेन्द्र को पता था की वो कुंए में से वापस जीवित आण्गा ओर ना उसकी मां व बहनों को पता था की उसे कभी देख पाएंगे। मिट्टी ढ़ह जाने के कारण नरेन्द्र कुएं में गिर गया ओर उसके उपर मिट्टी गिरने से व कुएं में पानी होने की वजह से वह अंदर ही दब गया।

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