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पाली : जूनी कचहरी में कम्पाउण्डर के भरोसे मरीज, बांगड़ में बिना मरीज बैठे रहते हैं चिकित्सक

-जिला आयुर्वेद चिकित्सालय में दिवाली से नहीं है चिकित्सक-यहां के दो में से एक चिकित्सक को लगाया हुआ है पोस्ट कोविड क्लीनिक में

पालीNov 19, 2020 / 12:19 pm

Suresh Hemnani

पाली : जूनी कचहरी में कम्पाउण्डर के भरोसे मरीज, बांगड़ में बिना मरीज बैठे रहते हैं चिकित्सक

पाली : जूनी कचहरी में कम्पाउण्डर के भरोसे मरीज, बांगड़ में बिना मरीज बैठे रहते हैं चिकित्सक

पाली। शहर के जूनी कचहरी स्थित जिला आयुर्वेद चिकित्सालय में पिछले कई दिनों से मरीजों को देखने वाला कोई नहीं है। चिकित्सालय कम्पाण्डरों के भरोसे चल रहा है। ऐसा प्रशासन और चिकित्सा विभाग की लापवाही के कारण हो रहा है। इस चिकित्सालय में दो चिकित्सक कार्यरत थे। इनमें से एक को पिछले माह 24 अक्टूबर के बाद बांगड़ चिकित्सालय के पोस्ट कोविड क्लीनिक में लगा दिया गया। दूसरे चिकित्सक कभी मीटिंग में तो कभी अन्य कार्य में व्यस्त रहते थे। इसके बावजूद वे मरीजों की जांच करते, लेकिन दिवाली पर वे अवकाश पर चले गए। इसके बाद से चिकित्सालय कम्पाण्डरों के भरासे है। दूसरी तरफ बांगड़ अस्पताल में लगाए चिकित्सक पूरे दिन मरीजों का ही इंतजार करते रहते हैं। वहां क्लीनिक खोलने के बाद से 22 दिन में महज 6-7 मरीज ही जांच के लिए आए है। जबकि जिला आयुर्वेद चिकित्सालय में रोजाना 60 से 70 का आउटडोर रहता है।
आयुष भवन है पीछे
पोस्ट कोविड क्लीनिक बांगड़ चिकित्सालय में खोला गया है। वहां आयुर्वेद के तीन चिकित्सकों की ड्यूटी लगाई गई है। जिनमें से एक जिला अस्पताल व दो आयुष भवन है। जो बांगड़ चिकित्सालय परिसर में ही है। इसके अलावा अन्य एलोपैथी के चिकित्सक भी लगाए है। जो अपने कक्ष में ही मरीजों का उपचार कर रहे है। वे क्लीनिक में कम ही आते हैं।
पंचकर्म यूनिट भी बंद
चिकित्सकों की कमी और कोविड के कारण जिला आयुर्वेद अस्पताल की पंचकर्म यूनिट भी लम्बे समय से बंद है। ऐसे में मरीजों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है। कोविड के बाद आयुर्वेद चिकित्सालय में मरीजों की संख्या भी बढ़ी। वहीं कई मरीज आयुर्वेद की दवा ही लेते है। ऐसे में अब उनकी परेशानी बढ़ गई है।
कलक्टर को करवाया अवगत
हमारे चिकित्सालय से तीन चिकित्सकों को बांगड़ चिकित्सालय में लगाया गया है। हमने कलक्टर को पोस्ट कोविड में मरीज कम आने के बारे में बताया है। चिकित्सकों की कमी से सेवाएं प्रभावित हो रही है। इसके बावजूद हम पूरा प्रयास कर रहे हैं। –डॉ. अशोक अग्रवाल, उपनिदेशक, आयुर्वेद विभाग, पाली
आंकड़ों पर नजर
-जिला आयुर्वेद अस्पताल का आउटडोर – 60 से 70 मरीज
-पोस्ट कोविड क्लीनिक का आउटडोर – 6-7 मरीज (करीब 22 दिन में)
-पोस्ट कोविड में लगे आयुर्वेद चिकित्सक – 3
-जिला अस्पताल में इतने दिन से नहीं चिकित्सक – 6

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