जोधपुर हाइकोर्ट ने सडक़ों से मवेशियों को हटाने के लिए आदेश गत दिनों दिए थे। हाइकोर्ट ने सडक़ों पर मवेशियों की वजह से हो रहे हादसों पर नाराजगी भी जताई थी। लेकिन पाली प्रशासन हाइकोर्ट के आदेश की परवाह नहीं करता। पाली की सडक़ों पर मवेशी राज है, पिछले तीन माह में 11 जनों की मौत मवेशियों की वजह से हो गई है। लेकिन इन्हें हटाने की दिशा में काम नहीं हो रहा है।
नगर परिषद व हाइवे पर टोल कम्पनियां सिर्फ कमाई पर जोर रख रही है। सेंदड़ा से सुमेरपुर तक, रोहट से पाली तक, बिलाड़ा से बर तक, हेमावास से देसूरी तक, जाडन से आउवा तक, फालना से सादड़ी तक सभी रूट पर मवेशियों का राज है। इनसे रोजाना हादसे हो रहे हैं। लेकिन स्थानीय निकाय, जिला प्रशासन व टोल कम्पनियां आमजन की परवाह नहीं कर रही है।
पाली कोतवाली पुलिस के अनुसार गत 13 अगस्त को बापू नगर रोटरी भवन के सामने देर रात को सिंधी कॉलोनी निवासी बाइक चालक दीपक पारवानी पुत्र शीतल दास बाइक लेकर जा रहा था। इस दौरान बाइक एक गाय से टकरा गई, इससे वह गंभीर घायल हो गया। उसके सिर पर गंभीर चोटें आई। उसे प्राथमिक उपचार के बाद जोधपुर रैफर किया गया, जहां उसके सिर का ऑपरेशन भी हुआ। उसे वापस बांगड़ अस्पताल लाया गया, जहां बुधवार को उसका दम टूट गया।