यह था मामला
यह मामला रोहट थाना क्षेत्र का है। परिवादी गोपीलाल ने 3 सितंबर 2018 को अपनी भतीजी गंगादेवी की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मृत्यु की सूचना पुलिस में दर्ज कराई थी। गंगादेवी की शादी चार महीने पहले 29 अप्रेल 2018 को अभियुक्त सुनील से हुई थी। परिवादी ने रिपोर्ट में बताया कि गंगादेवी एक आंख से थोड़ा तिरछा देखती थी। यह बात शादी से पहले लड़के और उसके परिजनों को पता थी। अभियुक्त सुनील ने गंगादेवी को नींद की गोलियां खिलाकर बेहोश किया तथा कपड़े के गमछे से उसका गला घोंटकर हत्या कर दी। इसके बाद अभियुक्त ने परिजनों को गुमराह करने के लिए गंगादेवी की मृत्यु सांप के काटने की घटना बताने का प्रयास किया। जब परिजनों ने शव देख तो गले पर दबाव और शरीर पर चोट के निशान थे। इसके बाद पीहर पक्ष ने पुलिस को सूचना दी।
पुलिस जांच और निष्कर्ष
पुलिस ने धारा 302, 304-बी, 498-ए और 120-बी के तहत प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू की। जांच में स्पष्ट हुआ कि गंगादेवी को उसके पति सुनील ने जानबूझकर गला घोंटकर हत्या की थी। अभियुक्त की ओर से पेश सांप काटने की कहानी असत्य थी। न्यायालय ने अभियोजन पक्ष द्वारा प्रस्तुत साक्ष्यों और गवाहों के बयानों पर सुनील को अपनी पत्नी की हत्या का दोषी ठहराया। न्यायालय ने पाया कि गंगादेवी की हत्या सुनियोजित थी और अभियुक्त ने इसे छिपाने के लिए झूठी कहानी गढ़ी।
अदालत ने जुर्माने की राशि 25 हजार रुपए मृतका गंगादेवी की मां जानीदेवी को क्षतिपूर्ति के रूप में देने का निर्देश दिया। न्यायालय ने राजस्थान पीड़ित प्रतिकर योजना, 2011 के तहत जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को निर्देश दिया कि जानीदेवी को उचित मुआवजा दिलाया जाए।