यह बताया गया जिलों में रोकड़ शेष सीए ऑडिट के अनुसार अजमेर में 218.44, अलवर में 443.19, बांसवाड़ा में 58.16, बांरा में 45.13, बाड़मेर में 122.76, भरतपुर में 458.31, भीलवाड़ा में 181.53,
बीकानेर में 55.40, बूंदी में 46.90, चित्तौडगढ़़ में 97.46, चूरू में 95.53, दौसा में 37.96, धौलपुर में 85.07, डूंगरपुर में 438.78 व हनुमानगढ़ में 27.46 लाख रुपए आधिक्य शेष बताया गया है। इसी तरह जयपुर में 113.17,
जैसलमेर में 54.19, जालोर में 99.46, झालावाड़ में 84.32, झुंझुनूं में 67.05,
जोधपुर में 102.96, करौली में 169.82,
कोटा में 30.82, नागौर में 269.18 लाख रुपए अधिक बताए गए हैं। पाली में 164.94, प्रतापगढ़ में 67.74, राजसमंद में 3.86, सवाई माधोपुर में 72.44, सीकर में 61.33, सिरोही में 20.48, श्रीगंगानगर में 56.38, टौंक में 75.33 तथा
उदयपुर में 212.71 लाख रुपए आधिक्य शेष बताया गया है।
क्या है नियम ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग के नियमानुसार महानरेगा के तहत जिलों में जिला, ब्लॉक व ग्राम पंचायत स्तर पर क्रमश: 25 हजार, 10 हजार एवं एक हजार रुपए की राशि ही रखी जा सकती है। नए संशोधन के अनुसार विभाग ने जिला, ब्लॉक व ग्राम पंचायत स्तर पर नियमानुसार रखी जाने वाली राशि को छोड़कर शेष आधिक्य राशि मुख्यालय को लौटाने के निर्देश दिए हैं।