मुख्य न्यायाधीश की अगुवाई वाली न्यायपीठ ने चेतावनी दी कि छह सप्ताह समाप्त होने पर शरीफ को जेल अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण करना होगा। यदि वह आत्मसमर्पण करने में विफल रहते हैं, तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा। शरीफ को आगे देश छोड़ने से भी रोक दिया गया हैं । आदेश में कहा गया है कि अगर शरीफ 6 सप्ताह की अवधि के बाद चिकित्सा आधार पर और राहत की मांग करते हैं तो उन्हें संबंधित उच्च न्यायालय में याचिका दायर करनी होगी। शरीफ के कानूनी वकील ख्वाजा हारिस ने शरीफ के लिए तत्काल एंजियोग्राफी का हवाला देते हुए आठ सप्ताह के लिए जमानत का अनुरोध किया था। पिता को जमानत मिलने पर शरीफ की बेटी मरियम नवाज ने एक ट्वीट के माध्यम से अपनी खुशी व्यक्त की।
पूर्व प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी और पीएमएल-एन के प्रवक्ता औरंगजेब सहित कई पीएमएल-एन नेताओं ने मीडिया के साथ बातचीत में इस फैसले का स्वागत किया। आपको बता दें कि शरीफ अल अजीजिया भ्रष्टाचार मामले में आरोपी हैं और जवाबदेही अदालत ने उन्हें सात साल की जेल की सजा सुनाई है। इससे पहले पूर्व पाक प्रमुख ने चिकित्सा के आधार पर लाहौर HC में जमानत याचिका दायर की थी, लेकिन इसे ठुकरा दिया गया था। सुनवाई शुरू होते ही शरीफ के वकील हारिस ने अदालत को पूर्व पीएम के मेडिकल रिकॉर्ड से अवगत कराया। हारिस ने अदालत को बताया कि पूर्व पाक पीएम नवाज कई दिल की बीमारियों से पीड़ित हैं। बता दें कि नवाज शरीफ ओपन-हार्ट सर्जरी से गुजर चुके हैं।
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