FATF की सदस्या देर से लेने पर पाकिस्तान की पुरानी सरकारों को लताड़ा, जांच कराने की मांग
लाहौर।पाकिस्तान की मानवाधिकार मंत्री ने मंगलवार को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की सदस्यता पाने में पिछली सरकारों की विफलता की जांच कराने की मांग की है। उन्होंने कहा कि भारत लंबे समय से इसका सदस्य है और वह पाकिस्तान के खिलाफ जमीन तैयार करता रहा है। गौरतलब है कि आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई न करने को लेकर पाकिस्तान की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। दरअसल, FATF के निवर्तमान अध्यक्ष मार्शल बिलिंग्सल ( Marshall Billingslea ) ने पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट करने के संकेत दिए हैं।
शिरीन मजारी ने संसद को बताया कि यह आपराधिक लापरवाही थी कि बीती सरकारों ने वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (FATF) की सदस्यता को पाने के लिए कुछ नहीं किया था जोकि जी-7 देशों द्वारा 1989 में मनी लॉन्ड्रिंग को रोकने के लिए स्थापित की गई थी। उन्होंने कहा कि भारत 1998 में (FATF) सदस्य बना और पाकिस्तान के लिए मुद्दे बनाता रहा है।
मानवाधिकार मंत्री ने कहा कि संसद को (FATF) की सदस्यता के लिए आवेदन नहीं करने के लिए नौकरशाही के विशिष्ट सदस्यों, विदेश मंत्रियों और संस्थागत प्रमुखों (पिछली सरकारों के) के खिलाफ जांच करनी चाहिए। मंत्री ने आरोप लगाया कि बीते शासक भ्रष्ट थे और मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल थे, इसलिए उन्होंने FATF की सदस्यता से परहेज किया।