लेकिन अब दोनों ही जगहों पर आम लोगों ने पाकिस्तान सेना के अत्याचार के खिलाफ आवाज उठानी शुरू कर दी है। इसी कड़ी में दक्षिणी वजीरिस्तान के वाना में पाकिस्तानी सेना के खिलाफ लोगों ने एकता मार्च ( Pashtun Protest Against Pakistan Army ) निकाली। इस मार्च में हजारों की संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया।
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रविवार को निकाले गए इस एकता मार्च में शामिल प्रदर्शनकारियों ने आतंकी समूहनों के फिर से उभरने की निंदा की। बता दें कि खैबर पख्तूनख्वाह में रहने वाले पश्तूनों ने पाकिस्तानी सेना के खिलाफ पश्तून एकता मार्च निकाली।
पाकिस्तानी सेना के खिलाफ की नारेबाजी
आपको बता दें कि पश्तून मार्च का आयोजन पश्तून तहफ्फुज मूवमेंट ( PTM ) द्वारा किया गया। यह एक सियासी यानी राजनीतिक पार्टी है। PTM लगातार इस क्षेत्र में बढ़ते सैन्य अपराध के खिलाफ आवाज उठाती रही है। सेना द्वारा लोगों पर किए जा रहे अत्याचार की घटनाओं को उजागर करता रहता है। PTM लगातार ऐसे मुद्दों को सामने लाता है, जिनमें सेना द्वारा फर्जी मुठभेड़ में आम लोगों को मार दिया जाता है या फिर स्थानीय लोगों को बेवजह प्रताड़ित किया जाता है।
पश्तून मार्च, फेडरली एडमिनिस्टर्ड ट्राइबल एरिया के युवा पश्तूनों के नेतृत्व में एक विरोध आंदोलन है। खैबर पख्तूनख्वा में रहने वाले पश्तून समुदाय के लोग लंबे समय से सैन्य अभियानों, आंतरिक विस्थापन, जातीय रूढ़ियों और सुरक्षा बलों द्वारा अपहरण की घटनाओं का सामना कर रहे हैं।
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सेना के अत्याचार के खिलाफ पश्तून लगातार सड़कों पर उतर कर विरोध दर्ज कराते रहें हैं। पश्तून तहफ्फुज मूवमेंट की कार्यकर्ता नरगिस अफशीन खत्तक ने इस प्रदर्शन को लेकर कहा कि लोगों पर जुल्म लगातार बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे में लोग अब सेना के खिलाफ सड़कों पर उतर कर अपना विरोध जता रहे हैं. उन्होंने कहा कि वाना दक्षिण वजीरिस्तान में PTM की सफलतापूर्वक मीटिंग के लिए बधाई।