पाकिस्तान के सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने दावा किया है कि अविश्वास प्रस्ताव से पहले पीएम इमरान खान के हत्या की साजिश रची जा रही है। फवाद चौधरी ने बताया कि इस इनपुट के बाद से इमरान खान की सुरक्षा को बढ़ा दिया गया है। वहीं, विपक्षी नेताओं न कहा है कि इमरान खान को सम्मानजनक विदाई पाने के लिए प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। मगर इमरान खान दावा कर रहे हैं कि वो अंतिम समय तक अपनी कोशिश जारी रखेंगे।
राजनीतिक संकट का सामना कर रहे इमरान खान ने गुरुवार को अपने भाषण के दौरान धमकी वाले पत्र के लिए अमेरिका का नाम लिया था। इसे उन्होंने अपनी सरकार को बेदखल करने की साजिश के सबूत के तौर पर पेश किया है। ऐसा कहा जा रहा है कि उन्होंने गलती से अमेरिका का नाम लिया है।
इमरान खान ने इस्लामाबाद में आयोजित विशाल जनसभा के दौरान अपनी जेब से कागज का एक टुकड़ा निकाला था और उसे लहराते हुए कहा कि ये उनकी सरकार को गिराने के लिए रची गई अंतरराष्ट्रीय साजिश यह एक सबूत है।
तो वहीं अब इमरान खान ने भारत का जिक्र करते हुए अमेरिका पर निशाना साधने की कोशिश की है। इमरान खान ने कहा, भारत पश्चिम देशों का सहयोगी है, इसके बावजूद वह रूस पर प्रतिबंध लगाने के बजाय उनसे तेल खरीद रहा है। जबकि एक शक्तिशाली देश मेरी रूस की यात्रा पर नाराज हो गया। माना जा रहा है कि इमरान का इशार अमेरिका की तरफ था।
इमरान खान के लगातार अपने बयानों में भारत का जिक्र कर पाकिस्तानी जनता का समर्थन हासिल करने की जुगत में लगे हुए हैं। इमरान खान ने भारत की तारीफ करते हुए कहा कि भारत अमेरिका के साथ QUAD का हिस्सा है, फिर भी वे रूस से तेल आयात कर रहे हैं, यह भारत की विदेश नीति है।
उन्होंने कहा, “मैं आज हिंदुस्तान को दाद देता हूं, उसने हमेशा आजाद फॉरेन पॉलिसी रखी है। भारत और अमेरिका का एलायंस है और खुद को न्यूट्रल कहता है। भारत रूस से तेल मंगवा रहा है, जबकि प्रतिबंध लगे हुए हैं। क्योंकि भारत की विदेश नीति लोगों की बेहतरी के लिए है।”