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विशाल सेना की कोई जरूरत नहीं
मौलाना चित्राली ने संसद में दिए अपने बयान में कहा कि फलस्तीन और कश्मीर की आजादी के लिए सरकार को परमाणु बम और मिसाइलों का उपयोग करने से हिचकना नहीं चाहिए। चित्राली के अनुसार हमने परमाणु बम क्या म्यूजियम में रखने के लिए बनाए हैं? अगर हम फलस्तीन और कश्मीर को आजाद नहीं करा सकते तो हमें मिसाइल,परमाणु बम या विशाल सेना की कोई जरूरत नहीं है।’
पाकिस्तान-तुर्की को दिखा मौका
फलस्तीन पर इजरायल के हमले को पाकिस्तान और तुर्की एक मौके के रूप में देख रहा है। कंगाली से जूझ रहे पाक ने अब फलस्तीन को कोरोना सहायता भेजने की भी घोषणा की है। तुर्की और पाकिस्तान को उम्मीद है कि इसके जरिए वे विश्वभर में मुस्लिमों की सहानुभूति हासिल करने की कोशिश करेंगे। साथ ही खुद ही मुस्लिमों का नेता साबित कर सकेंगे।
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फलस्तीनी हड़ताल पर चले गए
गौरतलब है इजरायल और फलस्तीनी उग्रवादी गुट हमास के बीच हमलों के दौरान इजराइल तथा उसके कब्जे वाले क्षेत्रों में फलस्तीनी लोग मंगलवार को हड़ताल पर चले गए। इजरायल की नीतियों के खिलाफ सामूहिक कार्रवाई के रूप में यह कदम उठाया है। इजरायल ने मंगलवार को गाजा में चरमपंथियों पर हवाई हमले किए। इस दौरान छह मंजिला इमारत को गिरा दिया गया। चरमपंथियों ने इजराइल में बड़ी संख्या में रॉकेट भी दागे। दोनों के बीच संघर्ष को एक सप्ताह से अधिक जारी है। अभी तक जंग रुकने के कोई संकेत नहीं मिले हैं।