कुछ ही देर में फैक्ट्री मालिक मौके पर पहुंचा और मामले को सुलझाया। रिपोर्ट में कहा गया है कि कुमारा ने अपनी ओर से गलतफहमी के लिए माफी मांगी थी। कुमारा द्वारा माफी मांगने के बाद, कथित तौर पर मामले को सुलझा लिया गया और कारखाने के कर्मचारी तितर-बितर हो गए। रिपोर्ट में कहा गया है कि कुछ कार्यकतार्ओं ने अपने सहयोगियों को प्रबंधक पर हमला करने के लिए उकसाया था।
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कुछ ही मिनटों में, भीड़ ने औद्योगिक इकाई के परिसर के भीतर पीड़ित पर हमला किया और अंतत: उन्हें मार डाला। जिस समय क्रूर हमला हो रहा था, उस समय कारखाने में कुल 13 सुरक्षा गार्ड मौजूद थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि उनमें से किसी ने भी पीड़ित को बचाने या भीड़ को तितर-बितर करने की कोशिश नहीं की। कुमारा के शव को बाद में कारखाने के बाहर घसीटा गया और जला दिया गया।
अधिकारियों ने कहा कि पुलिस को घटना के बारे में सुबह 11:28 बजे एक फोन आया। उन्होंने बताया कि 12 मिनट के भीतर एक पुलिस दल घटनास्थल पर पहुंच गया। बाद में संदिग्धों को पकड़ने और गिरफ्तार करने के लिए भारी पुलिस बल को घटनास्थल पर भेजा गया।
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बताया जा रहा है कि प्रियंता कुमारा यहां एक फैक्टरी में निर्यात प्रबंधक पद पर कार्यरत थे। फैक्टरी के मजदूरों की किसी बात को लेकर निर्यात प्रबंधक प्रियंता कुमारा से विवाद शुरू हुआ। इसके बाद भीड़ हिंसक हो गई और उसने प्रियंता पर हमला कर दिया। भीड़ ने प्रियंता की पीट-पीटकर हत्या कर दी और शव को जला दिया। सोशल मीडिया पर साझा किए गए वीडियो में सैकड़ों पुरुष और युवा लड़के मौके पर मौजूद दिखाई दे रहे हैं।