राजनीतिक संकट से जूझ रहा इजराइल, दोबारा चुनाव करा सकते हैं नेतन्याहू
पाकिस्तान की आलोचना पर लड़ा चुनाव
पाकिस्तानी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक शाह ने कहा कि मोदी का चुनावों के दौरान पूरा फोकस पाकिस्तान की आलोचना पर ही रहा था। ऐसा सोचना बेवकूफी है कि वो अपनी इस नीतिगत सोच को जल्दी बदलने वाले हैं। गौरतलब है कि इससे पहले मीडिया की खबर के अनुसार इमरान खान को भारत के पीएम नरेंद्र मोदी के शपथग्रहण में न बुलाए जाने का फैसला लिया जा चुका है। मीडिया से बातचीत में कुरैशी ने कहा कि इमरान ने पीएम मोदी को फोन कर बधाई दी, इसमें कुछ नया नहीं है। बीते साल जब इमरान खान ने पाक में चुनाव जीता था तो मोदी ने भी फोन पर और बाद में एक ख़त लिखकर उन्हें बधाई दी थी। इमरान ने जो किया वो भी सिर्फ एक सद्भावना संदेश ही था।
माउंट एवरेस्ट पर पर्वतारोहियों ने लगाया ‘जाम’, नेपाल सरकार से परमिट पर नियंत्रण की मांग शपथग्रहण में जाना ज़रूरी नहीं कुरैशी ने कहा कि शपथग्रहण समारोह में जाना कोई मुद्दा नहीं है। उन्होंने कहा कि अच्छा होगा कि कश्मीर, सियाचिन और सर क्रीक जैसे विवादों पर बातचीत हो। इसका हल निकाला जाए। उन्होंने कहा कि अगर मोदी दक्षिण एशिया में विकास के समर्थक हैं तो तो उन्हें पाकिस्तान के साथ मिलकर बातचीत करनी होगी। इन मुद्दों का हल निकालना होगा। पाकिस्तान के लिए भी मुफीद है कि सीमा पर शांति बनी रहे। कुरैशी ने ये भी दावा किया कि दुनिया जानती है कि पुलवामा आतंकी हमले में पाकिस्तान शामिल नहीं था।
विश्व से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर Like करें, Follow करें Twitter पर ..