दरअसल, जनवरी 2021 में पाकिस्तान में भीषण गैस संकट उत्पन हो जाएगा। इसका कारण गैस सप्लाई करने वाली कंपनी है। नए साल में पाकिस्तान में गैस की सप्लाई करने वाली कंपनी सुई नॉर्दन को 500 मिलियन स्टैंडर्ड क्यूबिक फुट प्रतिदिन गैस की कमी का सामना करने पड़ेगा।
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ऐसे में कंपनी के पास गैस की भारी किल्लत होगी और फिर पूरी संभावना है कि पॉवर सेक्टर को गैस की आपूर्ति रोक दी जाए। यदि ऐसा होता है तो पाकिस्तान में बिजली की समस्या भी उत्पन हो सकती है।
पाकिस्तानी अखबार ‘द न्यूज’ ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि देश में गैस की कमी होने वाली है और बिजली सेक्टर से एलएनजी की कमी करके उसे घरेलू उपभोक्ताओं को देने से संकट कम नहीं होने जा रहा है। यदि ऐसा किया भी जाता है तो इसके बाद भी 250 मिलियन स्टैंडर्ड क्यूबिक फुट प्रतिदिन गैस की कमी बनी रहेगी।
रिपोर्ट की मानें तो अधिकारियों को उद्योगों को दी जाने वाली आरएलएनजी को भी सप्ताह में एक दिन कटौती करना पड़ेगा। रिपोर्ट के मुताबिक, 4 से 20 जनवरी के बीच गैस की कमी सबसे ज्यादा रह सकती है।
इमरान सरकार के लिए बढ़ी चुनौती
पाकिस्तान में गैस की किल्लत को लेकर कुछ जानकारों का कहना है कि इमरान सरकार ने समय से गैस की खरीददारी नहीं की, जिसके कारण देश में गैस की कमी का संकट आया है। अब इसका खामियाजा देश के आम नागरिकों को भुगतना पड़ रहा है।
पाकिस्तानी अधिकारियों ने बताया है कि गैस की कमी के मद्देनजर पहले ही उर्वरक उद्योग के लिए गैस की सप्लाई रोक दी गई है। गैस की कमी में इजाफा होने का एक कारण और भी है, जब नाइजीरिया से गैस लेकर आ रहा टैंकर चार दिन देर हो गया।
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अब गैस की किल्लत के कारण पंजाब और अन्य राज्यों में लोगों के पास खाना पकाने तक का गैस उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। लोगों को वैकल्पिक स्त्रोतों से खाना पकाने को मजबूर होना पड़ रहा है। फिलहाल, सरकार ने उद्योगों को दी जाने वाली गैस रोककर आम लोगों को मुहैया करा रही है। ऐसे में इमरान सरकार के पास एक बड़ी चुनौती है कि इस फैसले से कहीं उद्योगों पर बुरा असर न पड़े और फिर आम नागरिकों को अन्य चीजों की कमी का सामना न करना पड़े।