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यूएन बैन पर कितना गंभीर है पाकिस्तान, क्या हाफिज सईद की तरह जिंदगी गुजारेगा मसूद अजहर

यूएन ने 10 दिसंबर 2008 में हाफिज सईद पर लगाया था बैन
बैन के बावजूद आज भी खुलेआम घूम रहा सईद
अमरीका के दबाव के बावजूद सईद अब भी सुरक्षित

May 03, 2019 / 12:55 pm

Mohit Saxena

masood

यूएन बैन पर कितना गंभीर है पाकिस्तान, क्या हाफिज सईद की तरह जिंदगी गुजारेगा मसूद अजहर

इस्लामाबाद। जैश सरगना मौलाना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित कर दिया गया है। आखिरकार भारत की दस साल की मेहनत रंग लाई। मगर इससे क्या मसूद आजादी पर ब्रेक लग सकेगा। पाक में एक और आतंकी हाफिज सईद भी इसी दौर से गुजर चुका है। 10 साल पहले मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद को ग्लोबल आतंकी घोषित किया था। भारत की अपील को गंभीरता से लेते हुए यूएन ने 10 दिसंबर 2008 को धमाकों को अंजाम देने वाले सईद और उसके संगठन जमात-उद-दावा को काली सूची में डाल दिया था। लेकिन हाफिज सईद पर इतनी बड़ी कार्रवाई के बाद भी वह आज पाकिस्तान में खुलेआम घूम रहा है। रैलियों में वह भारत के खिलाफ जहर उगलता रहता है। हालांकि, अब विश्व जगत की नजर भी इस पर है कि क्या मसूद अजहर अब पाकिस्तान का दूसरा हाफिज सईद होने जा रहा है।
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पाकिस्तान में हाफिज सईद कभी नजरबंद तो कभी आजाद

संयुक्त राष्ट्र से ब्लैक लिस्ट किए जाने के बाद भी सईद के हालात में कोई बड़ा बदलाव नहीं आया। नियम के तहत उसकी संपत्ति को सील करके उसकी यात्रा पर बैन लगाया जाना था। मगर हाल के वर्षों में देखा गया कि सईद खुलेआम पाकिस्तान की जनता के बीच भाषण देता है। वह भारत को तबाह करने की बात करता है। पाकिस्तान सरकार और सरकारी तंत्रों की तरफ से उसे पर्याप्त समर्थन मिलता रहता है। 2008 में बैन के तत्काल बाद सईद को घर में नजरबंद किया था, लेकिन अगले साल जून में लाहौर हाई कोर्ट ने उसकी रिहाई के आदेश दे दिए। सितंबर 2009 में हाफिज सईद के खिलाफ इंटरपोल रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया। इसके बाद अक्टूबर में लाहौर हाई कोर्ट ने सबूतों के अभावों में उसे रिहा कर दिया।
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10 माह बाद वह दोबारा आजाद हो गया

इस दौरान अमरीका ने कई बार अपना प्रभाव दिखाया। 2012 में अमरीका ने हाफिज सईद पर 10 मिलियन के इनाम का ऐलान किया गया और उसके संगठन को ब्लैकलिस्ट कर दिया। मगर 2016 तक वह बड़े आराम अपनी जिंदगी जी रहा था। 2016 में अमेरिका के आतंक के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने के दबाव के बाद पाकिस्तान में मुंबई धमाकों के गुनहगार को फिर से घर में नजरबंद किया गया। इस दौरान सईद ने यूएन में अपना नाम प्रतिबंधित आतंकियों की सूची से निकालने की अर्जी दी। यह अर्जी खारिज हो गई। 10 महीने बाद ही वह फिर से लाहौर हाईकोर्ट के आदेश के बाद आजाद हो गया।
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राजनीतिक पार्टी भी बनाई

रिहा होने के बाद हाफिज सईद ने एक महीने के अंदर ही अपनी राजनीतिक पार्टी बना डाली। हालांकि, वैश्विक विरोध के बाद इस पार्टी को मान्यता नहीं मिली। लेकिन सईद अपने भाषणों में कश्मीर की आजादी का नारा देता रहा। पुलवामा हमले के बाद दुनिया भर में आक्रोश के बाद पाकिस्तान अपने आतंकी संगठनों पर कार्रवाई के लिए मजबूर हो गया। पुलवामा हमले के बाद ही सईद के संगठन जमात-उद-दावा और उसके चैरिटी विंग फलह-ए-इंसानियत फाउंडेशन पर प्रतिबंध लगाया गया। इसके बाद भी पाकिस्तान के कदम प्रभावी नहीं रहे। सईद अब भी भारत पर बड़े हमले के प्रयास में लगा रहता है।
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