6 साल की उम्र में शुरू किया शतरंज खेलना
20 अगस्त 1986 में दिल्ली में जन्मी सचदेव को उनकी मां अंजू ने 6 साल की उम्र में इस खेल से परिचित कराया था। तानिया को एक काबिल शतरंज खिलाड़ी बनाने में उनके माता-पिता का अहम योगदान रहा। तानिया ने मात्र 8 साल की उम्र में अपना पहला अंतरराष्ट्रीय खिताब जीता। उन्हें शुरुआती वर्षों में केसी जोशी ने कोचिंग दी थी। एक बच्चे के रूप में, उन्होंने कई प्रतियोगिताएं जीतीं। उनके करियर की सफलताएं अंडर-12 भारतीय चैंपियन, 2000 में एशियाई अंडर 14 लड़कियों की चैंपियन और लड़कियों के अंडर 12 डिवीजन में 1998 विश्व युवा शतरंज चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतना शामिल हैं।
2009 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित
2002 में उन्होंने मारविला में एशियाई जूनियर गर्ल्स चैंपियनशिप का खिताब अपने नाम किया। 2005 में सचदेव महिला ग्रैंडमास्टर का खिताब पाने वाली आठवीं भारतीय खिलाड़ी बनीं। उन्होंने 2006 और 2007 में भारत की राष्ट्रीय महिला प्रीमियर शतरंज चैंपियनशिप जीती। 2007 में उन्होंने तेहरान में नौ राउंड में से 6½ अंकों के साथ महिला एशियाई शतरंज चैंपियनशिप पर कब्जा जमाया। 2009 में उन्हें अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
तानिया को डांस, रैंप वॉक, फोटोशूट का काफी शौक
2016 में सचदेव ने रेक्जाविक ओपन में सर्वश्रेष्ठ महिला का पुरस्कार जीता और कलूटारा में राष्ट्रमंडल महिला चैंपियन का खिताब पर भी कब्जा जमाया। 2015 में सचदेव ने एशियाई कॉन्टिनेंटल महिला रैपिड शतरंज चैंपियनशिप में रजत पदक जीता था। उनके नाम ऐसे कई और बड़े रिकॉर्ड दर्ज हैं। शतरंज के अलावा तानिया को डांस, रैंप वॉक, फोटोशूट का काफी शौक है। ये ग्लैमर गर्ल शतरंज और प्रेजेंटेटर-कमेंटेटर के अलावा अपनी खूबसूरत तस्वीरों को लेकर भी सोशल मीडिया पर फैंस के बीच अक्सर चर्चा में रहती हैं। उनके फॉलोअर्स 1 लाख 60 हजार से ज्यादा हैं।