पिछली बार से कम जीतेंगे पदक
रिपोर्ट में भले ही भारत के तीन स्वर्ण जीतने का दावा किया गया है, लेकिन टोक्यो के मुकाबले भारत के कुल पदकों की संख्या कम रहेगी। इसके तहत, भारत पेरिस में कुल पांच पदक जीतेगा, जिसमें दो रजत पदक होंगे। वहीं, टोक्यो में भारत ने कुल सात पदक जीते थे। इसमें एक स्वर्ण, दो रजत और चार कांस्य शामिल थे।
इन 3 खेलों में चैंपियन बनने की संभावना
रिपोर्ट के तहत, भारतीय एथलीट एथलेटिक्स, मुक्केबाजी और निशानेबाजी में इतिहास रचते हुए स्वर्ण पदक जीत सकते हैं। 1. एथलेटिक्स- जेवेलिन थ्रोअर नीरज सबसे बड़ी उम्मीद
टोक्यो ओलंपिक खेल 2020 में नीरज चोपड़ा ने इतिहास रचते हुए भाला फेंक स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता था। इसके बाद नीरज ने लगातार अच्छा प्रदर्शन करते हुए विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण और डायमंड लीग में खिताब जीता। वह पेेरिस में भारत को एक बार फिर स्वर्ण पदक दिला सकते हैं। यदि ऐसा हुआ तो नीरज चोपड़ा ओलंपिक इतिहास में दो स्वर्ण जीतने वाले पहले भारतीय बन जाएंगे। 2. मुक्केबाजी- लवलीना बदल सकती हैं पदक का रंग
महिला मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन (75 किग्रा) ने टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीता था। दूसरी बार ओलंपिक में शिरकत करने जा रही लवलीना 2023 विश्व चैंपियनशिप में गोल्ड और 2022 एशियन गेम्स में रजत पदक जीता। वह पेरिस ओलंपिक में कांस्य को गोल्ड में बदलने की क्षमता रखती हैं। वहीं, 50 किग्रा वर्ग में दो बार की विश्व चैंपियन निखत जरीन भी स्वर्ण पदक जीतने की दावेदार हैं।
3. निशानेबाजी- मनु भाकर और सिफ्त कौर प्रबल दावेदार
पिछले दो ओलंपिक गेम्स में भारतीय निशानेबाजी खाली हाथ लौटे, लेकिन पेरिस में किस्मत बदल सकती है। इन खेलों में भारत का निशानेबाजी में अब तक का सबसे बड़ा दल उतरा है। लगातार दूसरी बार ओलंपिक में उतर रही महिला निशानेबाज मनु भाकर से भारत को पदक की सबसे अधिक उम्मीद है। वहीं, पहली बार ओलंपिक में प्रतिनिधित्व कर रही सिफ्ट कौर सामरा लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं। माना जा रहा है कि इस बार भारतीय निशानेबाज पदकों का सूखा खत्म करेंगे।