मैच से उम्मीद नहीं मैच खेलें
किसी खिलाड़ी या शूटर के लिए यह बहुत जरूरी है कि वह खेल को खेल की तरह खेल न कि उसे खेलने से पहले उम्मीदें पाल कर रख ले कि उसे इस मैच के जीतने से उसे क्या हासिल होगा। अगर वह मैच से उम्मीदें रखकर खेलेगा तो वह कभी अपना सर्वेश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं कर पाएगा। जब तक आप अपने खेल को अपना सबकुछ नहीं देंगे तक आप को वो हासिल नहीं हो सकता जिसके आप हकदार हैं। क्योंकि शूटिंग देने से पहले आप से आपका सबकुछ ले लेगा तभी आपको देगा जो असल में आपको चाहिए था।
नर्वसनेस को बनाएं हथियार
कोई भी शूटर अगर मैच से पहले नर्वस होता है तो यह स्वाभाविक है। क्योंकि नर्वस होना किसी भी खिलाड़ी को एहसास करता है कि वह उस मैच में है और उसके लिए कितना तैयार है। नर्वसनेस को कभी भी अपने ऊपर हावी नहीं होने दें बल्कि उसे अपना हथियार बनाएं और पूरी ताकत व तैयारी के साथ मैच खेलें।
डरना भी जरूरी है
अगर किसी खिलाड़ी या शूटर को मैच से पहले डर लगता है तो यह बहुत ही अच्छा है। क्योंकि यह डर ही उस खिलाड़ी को आगे ले जाता है और उसे उसकी मंजिल तक पहुंचने की हिम्मत और साहस पैदा करता है।
मैच में स्कोर नहीं, टेक्निक जरूरी है
अकसर मैच के दौरान ज्यादातर शूटर अपने स्कोर पर ध्यान देने लगते हैं इसको लेकर अतंरराष्ट्रीय शूटर मेहुली घोस का कहना है कि किसी भी खिलाड़ी या शूटर को मैच में अपने स्कोर पर ध्यान न देकर अपनी टेक्निक, अपना पूरा फोकस और पूरे कंट्रोल ये मैच खेलना चाहिए। तभी वो मैच के दौरान अच्छा स्कोर कर पाता है। अन्यथा उसकी सारी मेहनत बेकार हो जाती है।
उबाऊ नहीं इसे मनोरंजक बनाएं
शूटिंग बहुत ही पेशंस का गेम है और जल्दी खिलाड़ी इससे बोर होने लगते हैं। क्योंकि बार एक ही चीज करते रहने से वह इससे बोर होने लगता है, लेकिन इसी बोरियत को आपने अपना हथियार बनाना है। क्योंकि नार्मल गेम तो हर कोई खेलता है। अगर आप इस उबाऊपन को मनोरंजक बना लेंगे तो कोई भी आपके सामने नहीं टिक सकता।