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kho kho world cup 2025: चंडीगढ़ की सोनम वर्ल्ड कप में कर रहीं ऑस्ट्रेलियाई टीम की कप्तानी

सोनम ने बताया, 20-22 साल पहले मैं स्कूल में खो-खो खेला करती थी। जब मैंने सुना कि खो-खो विश्व कप हो रहा है तो मैं काफी उत्साहित हो गई। मेरी बचपन की यादें ताजा हो गई। मैंने संबंधित अधिकारियों से संपर्क किया और ऑस्ट्रेलियाई टीम में शामिल हो गई। बाद में मुझे टीम की कप्तानी सौंप दी गई।

नई दिल्लीJan 17, 2025 / 09:57 am

Siddharth Rai

kho kho world cup 2025: खो-खो विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया की महिला टीम की अगुवाई कर रहीं भारतीय मूल की सोनम गर्ग ने कभी नहीं सोचा था कि स्कूल में खेला गया यह खेल उन्हें अब जाकर विश्व स्तर पर पहचान दिलाएगा। चंडीगढ़ में पली बढी सोनम शादी के बाद ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में बस गई थीं। उनका नौ साल का बेटा भी है और वे फाइनेंशियल प्रोफेशनल हैं। सोनम ने एक साक्षात्कार में कहा, मैंने कभी नहीं सोचा था कि एक बच्चे की मां बनने के बाद एक दिन भारत में वे विश्व कप जैसे बड़े टूर्नामेंट में ऑस्ट्रेलिया का प्रतिनिधित्व करेंगी।
बचपन की यादें ताजा हो गईं
सोनम ने बताया, 20-22 साल पहले मैं स्कूल में खो-खो खेला करती थी। जब मैंने सुना कि खो-खो विश्व कप हो रहा है तो मैं काफी उत्साहित हो गई। मेरी बचपन की यादें ताजा हो गई। मैंने संबंधित अधिकारियों से संपर्क किया और ऑस्ट्रेलियाई टीम में शामिल हो गई। बाद में मुझे टीम की कप्तानी सौंप दी गई।
मुश्किल था काम, खेल और घर के बीच संतुलन बनाना
सोनम ने कहा, मेरे लिए यह बड़ी चुनौती थी। मुझे अपने घर, काम और खेल के बीच संतुलन बनाना था। लेकिन मेरे परिवार ने इसमें मेरा साथ दिया। मैं कई बार अपने बेटे को ग्राउंड पर ले जाती थी, जहां वह मुझे अभ्यास करते हुए देखता था। मैंने विश्व कप के लिए अपनी जॉब से छुट्टी ली है। ऑस्ट्रेलिया में फिलहाल स्कूलों में गर्मी की छुट्टियां हैं तो बेटा घर पर है और मेरे पति वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं। इसलिए मैं बेफिक्र होकर विश्व कप में खेलने आ पाई।
पहला मैच हारे तो बेटा रोने लगा
सोनम ने बताया कि जब हम पहला मैच इंग्लैंड से हारे तो मेरा बेटा रोने लगा। मैं हर मैच के बाद उसे फोन करती हूं। वह मेरा मैच देखता है। हमारी हार के बाद वह रोने लगा। मैंने उसे समझाया कि यह खेल का हिस्सा है। यह हमारा पहला विश्व कप है और हम यहां खेल का लुत्फ उठाने आए हैं।
तीन महीने पहले तक नाम तक नहीं सुना था
सोनम ने कहा, आस्ट्रेलिया में एक नए खेल के लिये टीम तैयार करना मुश्किल नहीं था। हालांकि तीन महीने पहले तक ऑस्ट्रेलिया में किसी ने खो-खो का नाम तक नहीं सुना था। वहां के मूल निवासियों को इसका मजलब भी नहीं पता है। लेकिन अब वहां यह खेल लोकप्रिय हो रहा है। हमें वहां खिलाड़ी चुनने में मुश्किल नहीं आई। हमारी टीम में भारतीय, आयरिश, यूरोपीय और एक फिलीपींस की लड़की भी है। सभी खिलाड़ी 20 से 35 वर्ष के बीच के हैं।
पुरुष टीम के कप्तान भी भारतीय मूल के
ऑस्ट्रेलिया की पुरुष टीम की कप्तानी भी भारतीय मूल के ओजस कुलकर्णी कर रहे हैं। ओजस ने बताया कि मैंने छठी क्लास से खो-खो खेलना शुरू किया था। फिर आगे की पढ़ाई के लिए ऑस्ट्रेलिया चला गया तो यह खेल छूट गया था। लेकिन वहां sभारतीय समुदाय के कुछ ग्रुप हैं जो अक्सर खो-खो खेला करते हैं, इससे हमें टीम बनाने में मदद मिली।

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