scriptएशियन गेम्स 2023 में एक ने महज 15 तो दूसरे ने 65 साल की उम्र में पदक जीत रचा इतिहास, जानें कौन हैं ये भारतीय | Anahat Singh is the youngest player to win a medal and Jaggi Shivdasani is the oldest medal winner | Patrika News
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एशियन गेम्स 2023 में एक ने महज 15 तो दूसरे ने 65 साल की उम्र में पदक जीत रचा इतिहास, जानें कौन हैं ये भारतीय

एशियन गेम्स 2023 में स्क्वैश खिलाड़ी अनहत सिंह सबसे क्रम उम्र में पदक जीतने वाली खिलाड़ी बनी हैं तो वहीं ब्रिज के दिग्गज जग्गी शिवदासानी पदक जीतने वाले सबसे उम्रदाराज खिलाड़ी बन गए हैं।

Oct 07, 2023 / 02:54 pm

lokesh verma

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एशियन गेम्स 2023 में एक ने महज 15 तो दूसरे ने 65 साल की उम्र में जीता पदक, जानें कौन हैं ये भारतीय।

एशियन गेम्स 2023 में भारत ने शनिवार को हांगझोउ में 100 पदकों का आंकड़ा पार करते हुए इतिहास रच दिया है। इसके साथ ही स्क्वैश खिलाड़ी अनहत सिंह और ब्रिज के दिग्गज खिलाड़ी जग्गी शिवदासानी ने भी कमाल कर दिया है। अनहत 15 साल की उम्र में हांगझोउ में पदक जीतने वाले सबसे कम उम्र की भारतीय हैं तो वहीं, जग्गी शिवदासानी 65 साल की उम्र में एशियन गेम्‍स 2023 में पदक जीतने वाले सबसे उम्रदराज भारतीय हैं।

बता दें कि अनहत सिंह का जन्म 13 मार्च 2008 को हुआ था। उस भारतीय टीम का हिस्सा हैं, जिसने महिला टीम इवेंट और मिश्रित युगल इवेंट में कांस्य पदक अपने नाम किया है। मिश्रित युगल में कांस्य जीतने के बाद अनहत सिंह ने कहा कि सामान्य तौर पर पदक जीतना वास्तव में बहुत अच्छा था। इतनी उम्र में कांस्य पदक जीतना बहुत बड़ी बात है। इससे मुझे थोड़ी खुशी मिली है, लेकिन अगर हम रजत या स्‍वर्ण जीतते तो बेहतर होता।

65 वर्ष के हैं जग्‍गी शिवदासानी

जग्‍गी शिवदासानी का जन्म 16 फरवरी 1958 को हुआ था। जग्‍गी ब्रिज में पुरुष टीम स्पर्धा जीतने वाली उस भारतीय टीम का हिस्‍सा थे, जिसने रजत पदक जीता है। एशियाई खेलों में जग्गी का ये दूसरा पदक है। इससे पहले उन्‍होंने 2018 में डेब्‍यू करते हुए इंडोनेशिया में कांस्य पदक अपने नाम किया था।शिवदासानी ने कहा कि यह 2018 से भारत के लिए एक सुधार है। हमने पिछली बार (जकार्ता-पालेमबांग 2018 में) कांस्य पदक जीता था।

ओलंपिक का हिस्‍सा नहीं स्क्वैश और ब्रिज

सबसे दिलचस्प बात ये है कि स्क्वैश और ब्रिज दोनों ही ओलंपिक खेलों का हिस्सा नहीं हैं। इन दोनों खेलों को नियंत्रित करने वाले दोनों अंतरराष्ट्रीय महासंघों ने दर्जा पाने के लिए कई प्रयास किए हैं। शिवदासानी ने बताया कि ब्रिज को ओलंपिक खेल के रूप में मंजूरी मिल गई है, लेकिन स्लॉट का इंतजार है। उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं पता कि अगर ओलंपिक में जगह मिलती है तो वह वहां मौजूद रहेंगे या नहीं।

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