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patrika opinion युद्ध के बदलते तरीकों में सतर्क रहने का वक्त

हालांकि हर निर्माता कंपनी यह दावा करती है कि उनके सामान को पूरी जांच के बाद ही जारी किया जाता है, लेकिन लेबनान की घटना ने वहां भी आयातित सामान की जांच व्यवस्था मेें खामी को उजागर कर दिया है। अभी पेजर धमाकों को लेकर आरोप-प्रत्यारोप और भी सामने आने वाले हैं।

जयपुरSep 18, 2024 / 09:12 pm

harish Parashar

लेबनान और सीरिया में पेजर बम धमाके युद्ध के नए हथियार के रूप में सामने आए हैं। इन धमाकों ने न केवल पूरी दुनिया को चौंकाया है बल्कि भविष्य के खतरों को लेकर आगाह भी किया है। न केवल दो देशों के युद्ध के दौरान बल्कि आतंकी हमलों में भी इस तरह से इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस के इस्तेमाल होने के खतरे बढ़ गए हैं। इन हमलों को भविष्य में होने वाले युद्ध की झलक के रूप में देखा जा सकता है, जहां मानव सेना या मिसाइल व दूसरे हथियारों के बिना दुश्मन को कभी भी घुटनों के बल लाया जा सकता है।
पेजर के जरिए विस्फोट कराने में कौनसी तकनीक का इस्तेमाल हुआ होगा, इसको लेकर अलग-अलग चर्चाएं हैं। यह भी कहा जा रहा है कि हिजबुल्ला के लोग जिन पेजरों का इस्तेमाल करते होंगे, उन्हें पहले हैक कर लिया गया होगा। इसके बाद तकनीक का इस्तेमाल कर धमाका किया गया। माना जाता है कि पेजर में लगी लिथियम की बैटरी को हैक कर ओवरहीट करना आसान होता है। इसे इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद की ओर से काम में ली जाने वाली तकनीक से जोड़ा जा रहा है। इस एजेंसी को मोबाइल व अन्य साइबर नेटवर्क के जरिए दुश्मनों पर हमले की महारथ हासिल है। बड़ी आशंका आयातित पेजरों से छेड़छाड़ की भी जताई जा रही है। इस थ्योरी के मुताबिक ताइवान की जिस कंपनी से ये पेजर मंगाए गए उनमें ही विस्फोटक प्लांंट कर दिए गए थे। जिस डिवाइस को ज्यादा सुरक्षित मानकर हिजबुल्ला के लोग इस्तेमाल कर रहे थे उसी को बम का रूप दे दिया गया।
आतंकी हमलों की मार झेल रहे भारत समेत दूसरे देशों के लिए भी यह नया खतरा सामने आया है। सचेत रहने की जरूरत इसलिए भी है क्योंकि चीन सहित दुनिया के दूसरे देशों से हम बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रॉनिक उपकरण व खिलौनों के साथ-साथ दूसरी सामग्री भी आयात करते हैं। हालांकि हर निर्माता कंपनी यह दावा करती है कि उनके सामान को पूरी जांच के बाद ही जारी किया जाता है, लेकिन लेबनान की घटना ने वहां भी आयातित सामान की जांच व्यवस्था मेें खामी को उजागर कर दिया है। अभी पेजर धमाकों को लेकर आरोप-प्रत्यारोप और भी सामने आने वाले हैं। लेकिन, दुनिया के देश इस घटनाक्रम से अलर्ट मोड में आ गए हैं। हमारे यहां आतंकी संगठन ऐसे ही किसी उपकरण को विस्फोट का जरिया न बना लें, इसको लेकर खास सतर्कता बरतनी होगी। जिन देशों से हमारे व्यावसायिक रिश्ते हैं वे आज दोस्त हैं तो कल दुश्मन भी हो सकते हैं। ऐसे में आयातित सामग्री की जांच व्यवस्था को ज्यादा कठोर करना होगा।

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