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संस्थान, सृजन और संवर्धन

जैसे भारतीय रेल अर्थव्यवस्था की वृद्धि का इंजन है जिसका नेटवर्क पूरे देश में समृद्धि और विकास को प्रेरित करता है, वैसे ही शिक्षक हमारे युवाओं के सर्वांगीण विकास में सहायता करते हैं।

Sep 28, 2018 / 01:09 pm

सुनील शर्मा

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– पीयूष गोयल, कोयला व रेल मंत्री

यदि पूछा जाए कि रेलगाडिय़ों और शिक्षकों के बीच क्या संबंध है, तो संभवत: अधिकांश लोगों का जवाब होगा कि रेलगाडिय़ों और शिक्षकों के बीच कोई पारस्परिक संबंध नहीं है। लेकिन यदि हम गहराई से देखें तो लोगों की इस सोच के विपरीत रेलगाडिय़ों और शिक्षकों के बीच घनिष्ठ संबंध है। जैसे रेलवे अर्थव्यवस्था की विकास का इंजन है, ठीक वैसे ही शिक्षक राष्ट्र के प्रबोधन के इंजन हैं और वे जीवन में शिक्षा अर्जन, ज्ञान और उत्सुकता को बढ़ावा दे रहे हैं।
एक ओर भारतीय रेल हमारी अर्थव्यवस्था की वृद्धि का इंजन है जिसका नेटवर्क पूरे देश में समृद्धि और विकास को प्रेरित करता है तो दूसरी ओर शिक्षक हमारे युवाओं के बौद्धिक विकास में सहायता करते हैं। जैसे गति, संरक्षा और सेवा पर संवर्धित फोकस के साथ रेलवे एक ‘नए भारत’ का सूत्रपात करने के लिए तैयार है और यात्री संतुष्टि में सुधार के लक्ष्य, स्वदेशी प्रौद्योगिकी, अपेक्षाकृत अधिक संरक्षा और क्षेत्रीय संपर्क के साथ भारत की प्रगति को मूर्त रूप देने में रेलवे की उल्लेखनीय भूमिका रही है, वैसे ही शिक्षक हमारे बच्चों का सर्वोन्मुखी विकास कर उन्हें राष्ट्रनिर्माण में योगदान देने वाले सुशिक्षित नागरिकों में परिवर्तित करने वाली महत्त्वपूर्ण कड़ी की भूमिका निभा रहे हैं।
राष्ट्रीय रेल और परिवहन संस्थान की स्थापना के लिए शिक्षक दिवस (५ सितंबर) को चुना गया। यह हमारे समाज में शिक्षकों के महत्त्व को ध्यान में लाने और एक नए भारत के निर्माण की दिशा में उनके योगदान को विशेष रूप से दर्शाने का एक सांकेतिक कदम है। हालांकि, हम तकनीक और स्वशिक्षा अर्जन के वर्चस्व वाले संसार में रह रहे हैं, लेकिन हमें अपने शिक्षकों को कदापि नहीं भूलना चाहिए। वे हमारे युवाओं के लिए पथप्रदर्शक हैं और हमें यह अनिवार्यत: स्वीकार करना चाहिए कि गुरु के बिना सर्वश्रेष्ठ औजार भी निरर्थक हैं।
जब तक एक शिक्षक हमें पढऩा न सिखाए तब तक किताबें कागज मात्र हैं, जब तक शिक्षक हमें संख्याओं का सही अनुप्रयोग न सिखाए, तब तक संख्याएं केवल संख्याएं होती हैं, और जब तक हम तकनीक को वास्तविक संसार के साथ जोडऩा नहीं सीखते, तब तक तकनीक काम की नहीं होती है। शिक्षण के क्षेत्र में विचारों को क्रियान्वित करने, उन्हें तत्काल सोचने और तैयार करने में श्रमसाध्य प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है, जो शिक्षक द्वारा ही संभव है।
जैसे हमने अपनी परिवहन अवसंरचना के विकास की संभावनाओं की पहचान की है, वैसे ही सक्षम शिक्षकों द्वारा बेहतर शैक्षणिक अवसंरचना के महत्त्व की भी पहचान की है।

केंद्र सरकार प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में शैक्षणिक परिदृश्य का कायापलट करने के लिए कई बड़े कदम उठा रही है। इनके तहत ऐसे आधुनिकतम संस्थान स्थापित करने की योजना है, जिनसे युवाओं को एक सुव्यवस्थित शैक्षणिक पाठ्यक्रम के माध्यम से रेलवे और अपेक्षाकृत व्यापक परिवहन क्षेत्र में उत्कृष्ट शिक्षा अर्जन के अवसर और रोजगार के विकल्प उपलब्ध होंगे। इसके फलस्वरूप भविष्य के लिए आवश्यक कुशल मानव संसाधन प्राप्त होगा और रेल नेटवर्क एवं परिवहन अवसंरचना के क्षेत्र में अत्याधुनिक तकनीक को बल मिलेगा।
राष्ट्रीय रेल और परिवहन संस्थान (एनआरटीआई) भारत में अपने किस्म का पहला विश्वविद्यालय है, जो वडोदरा, गुजरात में स्थापित किया गया है। सभी शिक्षकों और हमारे देश के भविष्य के लिए उनकी प्रतिबद्धता की याद के रूप में राष्ट्रीय रेल और परिवहन संस्थान में शिक्षक दिवस पर पाठ्यक्रमों की भी शुरुआत की गई। शुरुआती दौर में दो स्नातक पाठ्यक्रम, परिवहन प्रौद्योगिकी में बीएससी और परिवहन प्रबंधन में बीबीए पाठ्यक्रम शुरू किए गए हैं। वर्ष 2019-20 के शैक्षणिक सत्र में पांच पोस्टग्रेजुएट पाठ्यक्रम आरंभ किए जाने की योजना है, जिनमें ट्रांसपोर्ट सिस्टम डिजाइन, ट्रांसपोर्ट सिस्टम इंजीनियरिंग, ट्रांसपोर्ट टेक्नोलॉजी पॉलिसी और ट्रांसपोर्ट मैनेजमेंट पाठ्यक्रम शामिल होंगे।
रेलवे और परिवहन के विभिन्न पहलुओं को शामिल करने वाले पाठ्यक्रमों के साथ संस्थान युवाओं को कुशल बनाने और सार्थक रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के प्रधानमंत्री के विजन को पूरा करेगा। राष्ट्रीय रेल और परिवहन संस्थान के समकालीन और प्रासंगिक पाठ्यक्रमों से भारतीय रेलवे और परिवहन के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन आएगा। संस्थान, कॉरनेल यूनिवर्सिटी और यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, बर्कले के साथ फैकल्टी एवं स्टूडेंट एक्सचेंज कार्यक्रम तथा संयुक्त अनुसंधान के अवसर भी उपलब्ध कराएगा।
इसके अलावा, एमआईआईटी मास्को और यूनिवर्सिटी ऑफ टोक्यो के साथ सहयोग की योजना है, ताकि छात्रों को वैश्विक संदर्श हासिल करने और उसे भारत में क्रियान्वित करने के अवसर के साथ ज्ञान का संवर्धन करने में भी मदद मिले। अगले पांच वर्षों के दौरान 400 करोड़ रुपए से अधिक स्वीकृत राशि के साथ राष्ट्रीय रेल और परिवहन संस्थान निश्चित रूप से रेलवे और देश के विकास की दिशा में उठाया गया एक सही कदम साबित होगा।

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