Gulab Kothari Article Sharir Hi Brahmand: इस सृष्टि यज्ञ में पत्नी कामना बनकर अष्टधा प्रभाव डालती है। यही मूल में गृहस्थाश्रम का स्वरूप है। पत्नी का ही साम्राज्य है—घर-परिजन-स्वजन-धर्म और देवपूजन तक। परिवार के जन्म-मरण-परण, रिश्ते-नाते वही संचालित करती है। परिवार के संस्कार, पितर पूजा, रातीजगा सभी उसी के नियंत्रण में होते हैं। पत्नी के प्रभावी रहते अक्षर में प्रवेश सहज नहीं है। शरीर ही ब्रह्माण्ड शृंखला में सुनें पत्रिका समूह के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी का यह विशेष लेख- कामना का आश्रय ब्रह्म
जयपुर•Oct 04, 2024 / 10:23 pm•
Gyan Chand Patni
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