भारत का ताज कहे जाने वाला जम्मू कश्मीर वर्षों से आतंकवाद से जूझ रहा है। देश की आजादी के साथ ही इस समस्या का बीजारोपण हुआ और अब यह समस्या देश के लिए नासूर बन चुकी है। इसका प्रमुख कारण यहां की भौगोलिक संरचना है। जम्मू कश्मीर का अधिकांश क्षेत्र पहाड़ी, नदी नालों से कटा हुआ होने कारण के सुरक्षा बलों को प्राय: निगरानी करने में कठिनाई आती हैै। उच्च निगरानी तंत्र विकसित करते हुए यहां अधिक सैनिकों की नियुक्ति करके घुसपैठ पर काफी हद तक नियंत्रण पाया जा सकता है।
— पी.सी. खंडेलवाल, सांभर लेक, जयपुर
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जम्मू क्षेत्र में आतंकी हमले बढ़ने का मुख्य कारण पाकिस्तान भी है। वह भारत में आतंकी गतिविधियों को प्रोत्साहित कर रहा है। सीमा पार से आतंकवादियों के भेजा जा रहा है। इससे इस क्षेत्र में सुरक्षा चुनौतियां बढ़ रही है।
— मेघा विजय, कोटा
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जम्मू में बढ़ते आतंक की मुख्य वजह है बाह्य शक्तियों द्वारा आतंकवाद को समर्थन तथा आर्थिक सहायता देना। इसके अतिरिक्त जाली मुद्रा का प्रयोग, धार्मिक कट्टरवाद, कमजोर प्रशासनिक व्यवस्था, भौगोलिक सीमा विवाद और घुसपैठ जैसे कई कारण शामिल हैं।
—रविराज, सिरोही
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आंतरिक सुरक्षा में कमजोरी के कारण जम्मू—कश्मीर में आतंकी हमले बढ़ रहे हैं। ऐसा लगता है कि सुरक्षा के मामले में लापरवाही हो रही है। स्थानीय लोगों की समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा। अगर सरकार सही ढंग से स्थानीय लोगों की जरूरतें को ध्यान में रख कर नीतियों का निर्माण करे तो आतंकियों पर लगाम लग सकती है।
—सुशील तिवारी, आदर्श नगर, पश्चिम बंगाल
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सरकार और राजनीतिक दलों की विफलता के साथ भ्रष्टाचार के कारण भी कश्मीर क्षेत्र के बाद जम्मू क्षेत्र में आतंकी गतिविधियां बढ़ती जा रही हैं, जहां हिन्दू बहुसंख्यक हैं। पाकिस्तानी आतंकी समूह नए लोगों को उग्रवादी समूहों में शामिल कर सकते हैं।
—मुकेश भटनागर, भिलाई, छत्तीसगढ
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जम्मू को आतंकी संगठनों ने अपना सुरक्षित और स्थायी अड्डा बना लिया है। जम्मू—कश्मीर में तैनात सेना को और मजबूत किया जाए, वहां सैनिकों की संख्या बढ़ाई जाए। सीमावर्ती इलाके में चौकस निगाह रखी जाए। भारत के खुफिया तंत्र को और सतर्क रहने की जरूरत है। जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर- ए -तैयबा जैसे आतंकवाद संगठनो के फन कुचलना जरूरी है।
रेखा उपाध्याय, मनेंद्रगढ़ एमसीबी, छत्तीसगढ़
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जम्मु क्षेत्र की भौगोलिक संरचना ही बढ़ते हुए आतंकी हमलों का एक प्रमुख कारण है। जम्मू का इलाका घने जंगल और नदियों वाला है। मानसून के समय पाकिस्तान सीमा पर ज्यादातर नदियां उफान पर रहती हैं, जिससे आतंकियों को घुसपैठ करने में आसानी होती है।
-कैफ इरशाद , सवाईमाधोपुर
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विकास पसंद नहीं आतंकियों को
अनुच्छेद 370 के हटाए जाने के बाद से जम्मू-कश्मीर में निवेश बढ़ा है। यहां विकास और आर्थिक गतिविधियों मे आई तेजी आतंकियों को पसंद नहीं आ रही हैं। जम्मू के आसपास फैले घने जंगल, नाले और खाइयां आतंकियों के सुविधाजनक शरणगाह बने हुए हैं। वे यहां से निकल कर हमले करते हैं और वहीं छिप जाते हैं।
-नरेश कानूनगो, देवास, म.प्र.